यूपी एसटीएफ ने वाराणसी से असलहा तस्करों को पकड़ा....

यूपी एसटीएफ ने वाराणसी से असलहा तस्करों को पकड़ा....

Update: 2022-10-25 12:13 GMT

कम समय में ज्यादा पैसे के लालच ने कुश्ती लड़ने वाले दो पहलवानों को अंतरराज्यीय असलहा तस्कर बना दिया। UP-एसटीएफ ने मंगलवार को दोनों को वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से .32 बोर की 7 पिस्टल, 13 मैगजीन और 3 मोबाइल बरामद किए गए हैं। दोनों की शिनाख्त मिर्जापुर जिले के पड़री थाना के यशवंत सिंह का पुरा के देवेश्वर शुक्ला और हलिया थाना के बसुहरा गांव अंबुज के तौर पर हुई है। दोनों के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए UP-एसटीएफ ने उन्हें वाराणसी कमिश्नरेट की सारनाथ थाने की पुलिस को सौंप दिया है।

तस्करों के सक्रिय होने की सूचना पर की कार्रवाई

UP-एसटीएफ की वाराणसी यूनिट के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वांचल में असलहा तस्करों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रहीं थी। इस संबंध में एसटीएफ की वाराणसी यूनिट के इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। सूचना संकलन के दौरान आज पता लगा कि सारनाथ क्षेत्र में पुराना आरटीओ तिराहा से आशापुर मार्ग पर दो तस्कर अवैध असलहे की खेप के साथ मौजूद हैं। सूचना की पुष्टि करते हुए एसटीएफ की टीम ने छापा मार कर दोनों बदमाशों को गिरफ्तार किया।

पूछताछ के दौरान दोनों तस्करों ने बताया कि वह कुश्ती लड़ते थे और उसका वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड करते थे। फेसबुक पर वीडियो को देखकर इसी वर्ष बीते जुलाई महीने में प्रयागराज जिले के मेजा थाना के खानपुर निवासी विपिन दूबे ने उनसे संपर्क कर दोस्ती की। दोस्ती के दौरान विपिन दूबे ने बताया कि असलहा तस्करी के काम में कम समय में काफी पैसा है। दोनों को समझाया कि वह भी चाहें तो काफी पैसा कमा सकते हैं। दोनों पैसे के लालच में आकर विपिन दूबे के साथ मिलकर असलहा तस्करी का काम करने लगे।

एक पिस्टल के 7 हजार रुपए मिलते थे

विपिन दूबे ने दोनों को पैसा देकर मध्य प्रदेश के जनपद बडवानी के एक सरदार (नाम नहीं पता) के पास भेजता था। देवेश्वर और अंबुज पैसा देकर सरदार से असलहा लेकर आते थे और विपिन दूबे को दे दिया करते थे। इसके बदले में विपिन दूबे 7 हजार रुपये प्रति पिस्टल के हिसाब से इन्हें पैसा देता था। इस तरह से दोनों अब तक कई असलहे लाकर विपिन दूबे को दे चुके थे। दो दिन पूर्व दोनों बडवानी गए थे और उसी सरदार से सेमी ऑटोमेटिक .32 बोर की 7 पिस्टल और उसकी 13 मैगजीन लेकर आए थे। इस बार असलहे और मैगजीन वाराणसी में ही विपिन दूबे को देना था। आज विपिन दूबे का दोनों इंतजार कर रहे थे, लेकिन उससे पहले पकड़े गए।

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