आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी।बीएचयू एक बार फिर सुलग उठा। एक छात्र नेता की गिरफ्तारी के बाद बीएचयू में बुधवार शाम जमकर उपद्रव हुआ। उपद्रवियों ने बेखौफ होकर लगभग 3 घण्टे तक परिसर में तांडव मचाया, लेकिन कार्रवाही के बजाय प्राक्टोरियल बोर्ड तमाशा देखता रहा।
बवाल की शुरुआत उस वक्त हुई जब बिरला छात्रावास में रहने वाले वांछित छात्र आशुतोष सिंह को लंका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इधर जैसे ही छात्रों को इसकी जानकारी हुई तो वह सिंहद्वार पर पहुंच गए। छात्रों ने गेट बंद कर लिया और नारेबाजी करने लगे।
गिरफ्तारी के विरोध में छात्रों ने सिंहद्वार पर पथराव के साथ ही कैंपस में जगह-जगह खड़ी मरीजों, तीमारदारों, चिकित्सकों सहित अन्य की सैकड़ो गाड़ियों में तोड़फोड़ की। उपद्रवी छात्रों का हंगामा यही शांत नही हुआ विश्वनाथ मंदिर के पास पहुंचकर दुकानों, बैंक एटीएम में तोड़फोड़ किया।एक स्कूल बस को भी आग के हवाले कर दिया।
प्राक्टोरियल बोर्ड देखता रहा तमाशा
बीएचयू परिसर में भारीभरकम सुरक्षाकर्मियों के साथ मुस्तैद रहने वाली चीफ प्रॉक्टर रॉयना सिंह भी शांति व्यवस्था कायम नही कर पाई। परिसर में 3 घण्टे तोड़फोड़,पथराव,आगजनी होता रहा लेकिन परिसर सुरक्षाव्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहे। हंगामे के बाद चीफ प्रॉक्टर रायना सिंह ने लंका थाने में तहरीर दी है। उन्होंने 15 नामजद समेत दर्जनों अज्ञात के खिलाफ बीएचयू में तोड़फोड़, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
हालांकि बवाल का अंदेशा देखते हुए बीएचयू के मुख्य द्वार पर भारी भरकम पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। परिसर में आज तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।