वाराणसी में तेजबहादुर का ही नहीं इन सबसे बड़े मोदी विरोधी 25 लोंगों में से 24 के पर्चा हुए निरस्त!

Update: 2019-05-02 16:31 GMT

वाराणसी लोकसभा में मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे तेलंगाना के 119 हल्दी किसानों में से अब केवल एक ही किसान मैदान में है. चुनाव आयोग ने पहले ही बड़ी संख्या में किसानों के नामांकन रद्द कर दिए थे और अब बचे हुए 25 किसानों के नामांकन पत्र में से 24 को रद्द कर दिया गया है. यह सभी किसान विरोधस्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े हो रहे थे.


न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट के अनुसार इस्तारी सुन्नम नरसईया ही अकेला हल्दी किसान है जो तेलंगाना से आए किसानों में से अकेला अब प्रधानमंत्री के सामने चुनाव लड़ेगा. इस्तारी तेलंगाना के निजामाबाद के हैं. गौरतलब है कि चुनाव आयोग को 119 किसानों के नामांकन पत्र मिले थे जिनमें से 89 तो पहले ही खारिज कर दिए गए थे. इस बात की जानकारी आयोग के वाराणसी में मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर ने दी.

तेलंगाना में भी लड़ रहे हैं चुनाव

वहीं तेलंगाना में भी करीब 177 किसानों ने निर्दलीय तौर पर निजामाबाद से चुनाव लड़ा. यह सभी किसान तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी का विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें हल्दी और लाल ज्वार की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने में भी सरकार नाकाम रही है. निजामाबाद में हुए चुनावों को लेकर चुनाव आयोग को खास इंतजाम करने पड़े. इसका कारण था कि यहां पर उम्मीदवारों की संख्या काफी ज्यादा थी. आयोग ने वोटरों की सुविधा के लिए यहां पर 26 हजार बैलेट यूनिट, 2200 कंट्रोल यूनिट और 26 हजार वीवीपैट मशीन लगाई थीं. बता दें कि वाराणसी में लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है. चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित होंगे.

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