माता-पिता को प्रताड़ित करने वाले हो जाए सावधान, हाइकोर्ट ने सुनाया संपत्ति से बेदखल करने का फैसला

माता पिता की सेवा करने के बजाए उन्हें प्रताड़ित करने वाले बच्चों को सचेत होने की जरूरत है।

Update: 2022-05-26 04:25 GMT

माता पिता की सेवा करने के बजाए उन्हें प्रताड़ित करने वाले बच्चों को सचेत होने की जरूरत है। हरिद्वार एसडीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ऐसे बुजुर्गों के बच्चों को माता पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए 1 महीने के अंदर घर खाली करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

बता दें कि माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एसडीएम कोर्ट में अपने बच्चों के खिलाफ वाद दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा के तहत एसडीएम की ओर से सुनवाई के बाद बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। ऐसे ही 6 बुजुर्गों की ओर से हरिद्वार एसडीम कोर्ट में वाद दायर किया गया था, जिसके बाद यह ऐतिहासिक फैसला आया है।

बीते बुधवार को एसडीएम पूरण सिंह राणा इन मामलों की सुनवाई कर रहे थे। ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद के बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में वाद दायर किया गया था कि उनके बच्चे उनके साथ ही रहते हैं लेकिन ना तो उनकी कोई सेवा करते हैं और ना ही खाना देते हैं। उल्टे उनके साथ मारपीट कर प्रताड़ित करते हैं। जिससे उनका बुढ़ापा जीवन नर्क बन गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों की ओर से अपने बच्चों से राहत दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई गई थी। जिसमें उन्हें अपनी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की गई थी। बुजुर्गों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम पूरण सिंह राणा ने सभी छह मामलों में बच्चों को माता पिता की संपत्ति से बेदखल करने का फैसला सुनाया है। इसके साथ ही 30 दिन के भीतर घर खाली करने के आदेश दिए हैं। फैसले में कहा गया है कि यदि यह लोग घर खाली नहीं करते हैं तो संबंधित थाना प्रभारियों को इस मामले की कार्रवाई करने को कहा गया है।

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