जानिए- कौन है हत्यारोपी पुलकित आर्य, जिसके रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी अंकिता भंडारी, महिलाओं का फूटा गुस्सा, बीच सड़क पर पुलिस की गाड़ी रोक कर पीटा

वहीँ उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड के आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर के साथ लोगों ने मारपीट की है.

Update: 2022-09-23 13:52 GMT

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक प्राइवेट रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या हो गई है. हालांकि, अभी तक उसकी लाश बरामद नहीं हो सकी है. इस मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलकित आर्य ही उस रिसॉर्ट का संचालक था, जहां अंकिता काम करती थी. युवती के चार दिनों से लापता होने के बाद से रिसॉर्ट संचालक और मैनेजर दोनों फरार थे. अब पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के बारे में कई जानकारियां दी हैं.

आरोपियों पर फूटा महिलाओं का गुस्सा, जमकर पीटा 

वहीँ उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड के आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर के साथ लोगों ने मारपीट की है. घटना उस वक्त हुई, जब आरोपियों को पुलिस न्यायालय में पेश करने के लिए कोटद्वार लेकर जा रही थी. इसी दौरान बैराज पुल से आगे कोडीया में सैकड़ों ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी रोक ली. के पर वीडियो बनाने वाले पत्रकारों के साथ भी अभद्रता की गई और मोबाइल छीन लिए गए. ग्रामीण इसका वीडियो बनाए जाने को लेकर नाराज थे.

पहले भी विवादों में रहा है पुलकित आर्य

हत्या का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है. वह वनंत्रा रिजॉर्ट का मालिक है. मौजूदा समय में विनोद आर्य बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और यूपी के सह प्रभारी भी हैं. वो पूर्व में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. उनके दूसरे बेटे अंकित को राज्य मंत्री का दर्जा मिला है. वह इस वक्त राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष हैं. वहीं इस मामले को लेकर पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य से जब पूछा गया कि उनके बेटे ने पीड़ित का यौन उत्पीड़न किया है ? इस पर विनोद आर्य ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, 'ये सब झूठ है.'

पुलकित आर्य लॉकडाउन के दौरान भी विवादों में आया था.

तब उत्तर प्रदेश के विवादित नेता अमरमणि त्रिपाठी के साथ वह उत्तरकाशी में प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गया था. अमरमणि त्रिपाठी पर कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या का आरोप है. इस मामले में अमरमणि त्रिपाठी 14 साल तक जेल में रहा है.


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