दुर्गा पूजा के बाद मुकुल छोड़ेंगे ममता की पार्टी और उनका साथ

एक समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दाहिना हाथ समझे जानेवाले मुकुल राय तृणमूल कांग्रेस में अलग थलग पड़ गए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनकी सुलह के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं. वैसे चर्चा है कि मुकुल भाजपा में शामिल होंगे लेकिन बहुत संभव है कि वह अलग पार्टी बनाने के रास्ते पर भी जाएंगे.

Update: 2017-09-25 08:16 GMT

कोलकाता : एक समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दाहिना हाथ समझे जानेवाले मुकुल राय तृणमूल कांग्रेस में अलग थलग पड़ गए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनकी सुलह के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं. वैसे चर्चा है कि मुकुल भाजपा में शामिल होंगे लेकिन बहुत संभव है कि वह अलग पार्टी बनाने के रास्ते पर भी जाएंगे.

रॉय ने कहा कि वह दुर्गा पूजा के बाद राज्यसभा के सांसद पद से और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे.उन्होंने कहा, 'जब पार्टी की स्थापना हुई थी तब उसके लिए हस्ताक्षर करने वालों में मैं भी था. आज भारी मन से मैं पार्टी छोड़ रहा हूं. पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस ने मुकुल रॉय को बीजेपी नेताओं से नजदीकी बढ़ाए जाने की खबरों के बीच उन्हें फटकार लगाई थी और कहा था कि उन पर गहरी नजर रखी जा रही है.
एक साल पहले भी ममता से मतभेद होने के बाद जब मुकुल के भाजपा में शामिल होने की चर्चा छिड़ी थी तो उन्होंने करीब 20 विधायकों और आधा दर्जन से अधिक सांसदों को लेकर तृणमूल छोड़ने का आश्वासन दिया था. तब ममता ने मुकुल को किसी तरह समझा बुझा कर रोक लिया था. लेकिन अंदर की खबर है कि इस बार मुकुल अकेले तृणमूल से अलग होना चाहते हैं.लेकिन भाजपा चाहती है कि मुकुल कुछ विधायकों और सांसदों को साथ लेकर पार्टी छोड़े.
मुकुल तृणमूल के कुछ विधायकों और सांसदों को अपने पक्ष में करने के प्रयास में जुटे हैं. दूसरे दलों के बागी और असंतुष्ट नेताओं से भी मुकुल संपर्क साध रहे हैं. राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायक और सांसद मुकुल के साथ आ जाते हैं तो वह सीधे भाजपा में नहीं जाकर अलग पार्टी बनाएंगे और राजग में शामिल होंगे.सूत्रों के मुताबिक मुकुल रॉय ने कहा है दुर्गा पूजा के बाद मैं पार्टी और अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा.

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