- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- आंध्र प्रदेश
- /
- हाई कोर्ट ने 8 IAS...
हाई कोर्ट ने 8 IAS अधिकारियों को सुनाई 2 सप्ताह जेल की सजा, फिर रहम खा कर दिया ये आदेश
अमरावती: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने गुरुवार को अदालत की अवमानना (Contempt of Court) के एक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 8 अधिकारियों को 2 सप्ताह की जेल की सजा सुनाई, लेकिन उनके माफी मांगने के बाद, अदालत ने आदेश को संशोधित किया और उन्हें एक वर्ष की अवधि के लिए हर महीने एक दिन समाज कल्याण छात्रावासों में सेवा देने का निर्देश दिया.
अधिकारियों ने नहीं किया आदेश का पालन
अधिकारियों द्वारा उनके आदेशों का पालन ना करने को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है. पंचायत राज प्रमुख सचिव जीके द्विवेदी, इसके आयुक्त गिरिजाशंकर, स्कूल शिक्षा प्रमुख सचिव बी राजशेखर, इसके आयुक्त चिन्ना वीरभद्रुडु, उच्च शिक्षा सचिव जे श्यामला राव, इसके पूर्व निदेशक विजय कुमार, वर्तमान निदेशक एमएम नाइक उपस्थित हुए और नगर निगम प्रशासन और शहरी विकास प्रधानाचार्य सचिव वाई. श्रीलक्ष्मी वे अधिकारी थे, जिन्हें अदालत ने सजा सुनाई है.
माफी मांगने पर वापस ली सजा
अधिकारियों के माफी मांगने के बाद अदालत ने जेल की सजा वापस ले ली और उन्हें हर महीने एक दिन समाज कल्याण छात्रावासों में सेवा देने का निर्देश दिया. उन्हें छात्रों के मिड-डे मिल और रात के खाने और अदालत के एक दिन का खर्च वहन करने के लिए भी कहा गया.
कोर्ट ने लगाई फटकार
अदालत ने सरकारी स्कूलों से ग्राम और वार्ड सचिवालयों को हटाने के अपने आदेशों को लागू नहीं करने के लिए अधिकारियों को डांट लगाई. यह देखा गया कि अधिकारियों ने जानबूझकर एक साल पहले पारित आदेशों को लागू नहीं किया और इस तरह अदालत की अवमानना की.
वकील ने कही ये बात
जस्टिस बट्टू देवानंद की सिंगल जज बेंच ने पिछले साल सितंबर में अवमानना मामले की सुनवाई की थी. उस समय अधिकारियों के वकील और सरकारी वकील ने बताया था कि राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के परिसरों में सचिवालयों और रायथू भरोसा केंद्रों (आरबीके) को खाली कराने का आदेश पहले ही जारी कर दिया था. उन्होंने अदालत को बताया था कि स्कूलों के कई परिसरों में ऐसी सुविधाएं पहले ही वापस ले ली गई हैं.