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बिहार में एनडीए के घटक वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी को एक बड़ा झटका लगा है। बता दें कि वीआईपी के तीनों विधायकों मिश्री लाल यादव, राजू सिंह और स्वर्णा सिंह ने पार्टी छोड़ दी है। तीनों विधायकों ने बीजेपी को समर्थन भी दे दिया है।
तीनों विधायक बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से मिले और अपने फैसले से अवगत कराया। इस दौरान भाजपा के दोनों डिप्टी सीएम और भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद रहे। फिलहाल तीनों विधायक विधानसभा अध्यक्ष के कमरे पर ही मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि विधानसभा में वीआईपी पार्टी का भाजपा में विलय किया जा रहा है।
बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले से ही मुकेश सहनी और भाजपा में तकरार बढ़ रही थी। लगातार यह कहा जा रहा था कि मुकेश सहनी के साथ उनके तीनों विधायक नहीं हैं। उनके फैसलों का वीआईपी पार्टी में ही विरोध है लेकिन कोई खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है।
वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि पार्टी बड़ी होती है। हमारे विधायक चले गए। किसके इशारे पर गए यह सभी को पता है। वहीं उन्होंने कहा कि हम लोग निषाद आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं। 2020 में पार्टी का गठन ही निषाद समाज की भलाई के लिए किया गया था। आज हमारे तीन विधायक गए हैं, अगले चुनाव में हमारे 40 विधायक होंगे। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने तीनों विधायकों के पार्टी छोड़ने के कारणों पर फिलहाल कुछ नहीं कहा है।
मालूम हो कि एक दिन पहले ही मुकेश सहनी ने फेसबुक लाइव करते हुए कहा था कि आज हमारे सहयोगी की ओर से राजनीति नहीं कूटनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि आज सहयोगी 'ब्रेक' करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि जैसे-जैसे हमलोगों की ताकत बढ़ेगी, उससे अधिक सीटों पर समझौता करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ताजा हालात बता रहे हैं कि मुझे एनडीए से निकाल दिया गया है। सरकार में मंत्री होने के नाते मैं, अभी सबकुछ नहीं बोल सकता। मेरा संकेत समझने की कोशिश कीजिए।