बिहार

सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार यादव, काम से है जिनकी पहचान

सुजीत गुप्ता
5 Dec 2021 12:01 PM GMT
सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार यादव, काम से है जिनकी पहचान
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सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार यादव को सम्मानित करते पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष

कुमार कृष्णन

किशनगंज। पुलिस की छवि आम जनता के बीच हमेशा से दबंग और आक्रामक हैं, लेकिन किशनगंज के पोआखोली थाना के सहायक अवर निरीक्षक संजय कुमार यादव एक ऐसे शख्सियत है जिन्होंने लोगों के दिलों में एक अलग ही पहचान बना रखी हैं। अपने कामों के कारण ये चर्चित रहे हैं। हाल में एक लूटकांड के उद्भेदन और उसमें संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के कारण किशनगंज के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने सम्मानित किया और दो हजार रूपये का नगद इनाम दिया। साथ ही राज्यस्तरीय पुलिस एवार्ड के लिए इनके नाम को अनुशंसित किया है। संजय, किशनगंज पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स और एंटी लीकर दस्ते का महत्वपूर्ण पुलिसकर्मी है।

किशनगंज जिला के टाउन थाना और बहादुरगंज थाना क्षेत्र में हाल के दिनों दो अलग-अलग लूट कांड पर्दाफाश कर 10 अपराधियों को गिरफ्तार कर उसके पास से लूट की राशि, जेवर और रुपया सहित हथियार और घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद करने में कामयावी हासिल की ।

गत नौ नवंबर की शाम रूईधासा प्रेमपुल के पास गैस एजेंसी के कर्मचारी से 1.50 लाख रुपया बदमाशों ने हथियार के बल पर लूट लिया था। उसी दिन बहादुरगंज थाना क्षेत्र स्थित बाभनटोली डायभर्सन पर विशनपुर के सोना-चांदी व्यापारी के साथ हथियार के बल पर अपराधकर्मियों द्वारा करीब 2.50 से 3 किलो ग्राम चांदी का जेवर लूट लिया गया था।

एक ही दिन लूट की दो बड़ी घटनाओं के बाद एसपी ने मामले के उद्भेदन के लिए एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया। इस टीम में टाउन थानाध्यक्ष के साथ-साथ बहादुरगंज, पौआखाली, कोचाधामन और टेढ़ागाछ थानाध्यक्ष को शामिल किया गया।

मामले का वैज्ञानिक अनुसंधान करते हुए दोनों घटना में शामिल अपराधकर्मियों तथा लाइनर की पहचान की गई। टीम ने सर्वप्रथम गत पंचायत चुनाव के पराजित मुखिया प्रत्याशी मो. मसुद आलम को टेढ़ागाछ से गिरफ्तार किया गया। उसने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए अपने अन्य सहयोगियों तथा लूट की पूरी योजना को विस्तृत रूप से बताया।

मसूद आलम की निशानदेही पर लूटी गई राशि, जेवर, मोबाइल एवं घटना में प्रयुक्त बाइक को जब्त किया गया। उसके निशानदेही पर ही साबिर, मुस्लिम, राजू कुमार साह, प्रदीप चौधरी, नौशाद उर्फ शीतल एवं रतन कुमार शर्मा को गिरफ्तार करते हुए लूटी गई राशि, जेवर, हथियार, मेाबाइल एवं बाइक बरामद किया गया। एसपी ने बताया कि बहादुरगंज की घटना में दो गिरोहों ने लाइनर के सहारे पिछले 15 दिनों से व्यापारी की रेकी की थी।

इसके बाद दोनों गिरोहों में शामिल आरोपितों ने डायभर्सन के पास के दोनों मार्गों को अवरूद्ध करते हुए घटना को अंजाम देकर फिर टेढ़ागाछ होते हुए अररिया की ओर फरार हो गया। मामले को लेकर बहादुरगंज थाना कांड संख्या 298/21 दर्ज किया गया। वादी सुशील कुमार अग्रवाल ने बताया कि घबराहट में लूटी गई चांदी के जेवरात 200 भरी प्राथमिकी में अंकित कर दी गई थी। जबकि वास्तव में करीब पांच किलो चांदी के जेवरात लूटी गई थी।

मामले में एसआईटी टीम ने छापेमारी के दौरान टेढ़ागाछ निवासी विकास कुमार साह को गिरफ्तार किया। पूछताछ के क्रम में उसने किशनगंज स्थित गैस एजेंसी के कर्मी से लूट की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए अपने अन्य दो सहयोगियों के संबंध में जानकारी दी। विकास ने बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए वह दस दिनों तक हलीम चौक आकर रेकी करता रहा। विकास की निशानदेही पर खजुरबाड़ी टेढ़ागाछ निवासी अफाक को गिरफ्तार किया गया।

आरोपितों की निशानदेही पर 5.257 किलो चांदी के जेवर, एक देशी कट्टा, एक जिन्दा कारतूस, 34,328 रूपये, तीन मोटरसाइकिल और नौ मोबाइल बरामद किया गया। एसपी ने बताया कि मसूद के पास से 2193 ग्राम, साबीर के पास से 644 ग्राम, मुस्लिम के पास से 1397 ग्राम एवं रतन कुमार शर्मा के पास से 1023 ग्राम चांदी बरामद किया गया।

संजय कुमार यादव की यह कोई पहली कामयावी नहीं है। यहां उसने नशा के सौदागरों के खिलाफ मुहिम चला रखी है। अनेक ब्राउन सुगर के तस्करों को गिरफ्तार किया है।संयोग यह है कि पुलिस अधीक्षक भी नशे के खिलाफ एक चल रहे मुहिम का एक महत्वपूर्ण अंग है। संजीव के अनुसार एक अच्छे पुलिस अधिकारी का साथ मिला है तो हौसला बुलंद रहता है। उसे पुलिस की वर्दी भी रिवार्ड के रूप में मिली है। संजय कसरती जवान है। व्यायाम की शिक्षा उसने भागलपुर के दीपनगर स्थित भारतीय शारीरिक केन्द्र के संस्थापक स्व. योगीराज हरिदेव प्रसाद ठाकुर से ग्रहण की है।

पुलिस की नौकरी में आने पहले दशको पूर्व भागलपुर के दीपनगर मुहल्ले में एक आपराधिक घटना घटी। लावण्य ज्वेलर्स से कुछ अपराधी जेवरात लूटकर भाग रहे तो संजय ने उस अपराधी को न सिर्फ पकड़ा बल्कि लूट के सामान भी बरामद किया। उसके इस साहसिक काम में तात्कालीन पुलिस अधीक्षक ए एस राजन के अंगरक्षक भी थे। इस घटना के बाद संजय का भागलपुर के नगर भवन में नागरिक अभिनंदन हुआ और इनाम स्वरूप राज्य सरकार ने पुलिस की वर्दी प्रदान की।संजय का कहना कि जिस संस्थान में उसने प्रशिक्षण लिया है वहां लिखा है- "शक्ति का सदुपयोग करे", यही मैं कर रहा हूं।

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