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Bihar By-election Results: नहीं चला बिहार में कन्हैया का जादू, RJD से अलग होकर जमानत भी नहीं बचा पाई पार्टी

Special Coverage Desk Editor
3 Nov 2021 4:07 AM GMT
Bihar By-election Results: नहीं चला बिहार में कन्हैया का जादू, RJD से अलग होकर जमानत भी नहीं बचा पाई पार्टी
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Bihar By-election Results:बिहार में उपचुनाव के नतीजों ने कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दरअसल, उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया था।

Bihar By-election Results: बिहार में उपचुनाव के नतीजों ने कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दरअसल, उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया था। इस फैसले से कांग्रेस को उम्मीद थी कि इसका चुनाव में फायदा मिलेगा मगर परिणामों ने सभी को हैरान कर दिया। दोनों की सीटों पर कांग्रेस की जमानत तक जब्त हो गई।

बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी और कठोर बयानबाजियों के बीच दोनों सीट से अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए।

इस उपचुनाव में दोनों ही सीटों पर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की जीत हुई है। दोनों सीटों पर जेडीयू और आरजेडी के बीच टक्कर हुई। यहां तक कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और नए चुनाव निशान के साथ चिराग पासवान ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, और इन दोनों ही सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी तीसरे नंबर पर रही। बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का जोखिम उठाने वाली कांग्रेस जमानत बचाने के लिए आवश्यक वोट भी नहीं प्राप्त कर सकी। कांग्रेस पार्टी मतों के हिसाब से चिराग पासवान की पार्टी से भी खराब स्थिति में नजर आई।

किसी भी पार्टी को चुनाव में नियमों के मुताबिक 16.66 प्रतिशत वोट लाने होते हैं। इससे कम वोट मिलने पर उम्मीदवार की जमानत जब्त हो जाती है। कुशेश्वर स्थान से कांग्रेस के प्रत्याशी अतिरेक कुमार को 4.27 प्रतिशत यानि कुल 5602 वोट मिले। जबकि तारापुर से प्रत्याशी राजेश मिश्रा सिर्फ 2.10 प्रतिशत यानि 3570 वोट ही प्राप्त कर सके। कांग्रेस की स्थिति यह रही कि दोनों ही सीटों पर चौथे स्थान पर रही। उपचुनाव से ठीक पहले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल किया गया था। कन्हैया के पार्टी में शामिल होने के बाद बिहार कांग्रेस का आत्मविश्वास इस कदर बढ़ गया कि उसने आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ने का निर्णय तक कर लिया और दोनों सीटों पर आरजेडी के विरुद्ध प्रत्याशी खड़े कर दिए। जबकि दूसरी ओर, एनडीए के जनाधार में कोई फर्क नहीं आया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि उपचुनाव में पार्टी को बड़ी हार मिली है। पार्टी इस पर गौर करेगी। उन्होंने कहा कि हमें मतदाताओं से अपेक्षा थी कि समर्थन मिलेगा पर वह नहीं मिली। कांग्रेस को सांगठनिक रूप से और मजबूत करने की जरूरत है। हमें जीरो से काम शुरू करना होगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव सत्तारूढ़ दल का होता है। विपक्षी दल के नाते हम चुनाव लड़ रहे थे। गठबंधन होता तो शायद हमारी दूसरी भूमिका होती। मगर राजद ने गठबंधन तोड़ा। पार्टी अपनी साख बचाने के लिए चुनाव लड़ी। मगर मतदाताओं में एक शंका थी। विशेषकर कांग्रेस के परम्परागत वोटर यह कहते नजर आए कि उपचुनाव के बाद कांग्रेस फिर से राजद के साथ चला जाएगा। हम मतदाताओं के उस शंका को दूर नहीं कर पाए।

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