बिहार

बिहार: दबंगई की शिकायत सुन मुख्यमंत्री नीतीश भी हुए हैरान

Shiv Kumar Mishra
18 Oct 2021 1:17 PM GMT
बिहार: दबंगई की शिकायत सुन मुख्यमंत्री नीतीश भी हुए हैरान
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मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य और अन्य विभागों की शिकायतें सुनी

कुमार कृष्णन, पटना:‍ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में ऐसी शिकायतें आईं, जिसे सुनकर खुद सीएम भी हैरान रह गए। एक शख्‍स ने मुख्‍यमंत्री से कहा कि राज्‍य में दबंगई खूब चलने लगी है। कुछ लोगों ने पुल बनाने के लिए उसका घर और दुकान तोड़ दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारी को फोन लगाकर तुरंत एक्‍शन लेने को कहा। एक शख्‍स ने बताया कि उसकी जमीन पर सड़क बना दी गई है, लेकिन मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। जाेगबनी का एक शख्‍स नाली और गली की शिकायत लेकर मुख्‍यमंत्री से मिला। उसने बताया कि मस्‍ज‍िद तक जाने के लिए उनके पास रास्‍ता नहीं है। गांव के किसी शख्‍स ने जमीन कब्‍जा कर रास्‍ता बंद कर दिया है।




कृषि विभाग से रिटायर प्रखंड कृषि पदाधिकारी सरकारी कार्यप्रणाली से क्षुव्ध होकर कहा-

बिहार बहुत बड़ा है भीख मांग लेंगे, लेकिन आपके अधिकारियों के पास नहीं जाएंगे। क्योंकि कृषि विभाग के निदेशक ने ही तो सारा खेल खेला और हमारी पेंशन रोक रखी है। फरियादी की यह बात सुन मुख्यमंत्री को गुस्सा आ गया। नीतीश कुमार ने कहा- "हल्ला क्यों कर रहे, कृषि विभाग के पास भेजे हैं वहां जाइए।'फिर उन्होंने अधिकारियों से कहा- "पता लगाइए कि वो कृषि विभाग में क्यों नहीं जाना चाहता। वह किस तरह का व्यक्ति है?' इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी भागे-भागे रिटायर्ड व्यक्ति की तरफ गए।

मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य और अन्य विभागों की शिकायतें सुनी। भागलपुर की खुटहा पंचायत वार्ड संख्या 9 की वार्ड सदस्य पिंकी कुमारी ने अपने पति पर ही काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया। उसने बताया- "पति सरकारी काम में बाधा पहुंचा रहा है। वार्ड संख्या 9 की सदस्य हूं और नल जल योजना का काम करवा रही हूं, लेकिन पति काम में रुकावटें पैदा कर रहा है। वह काम करने से रोक रहा है।' शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री ने अधिकारी से बात की और देखने का निर्देश दिया।

एक लड़की ने शिकायत की कि मेरे पिता सरकारी नौकरी में थे। वह गन्ना विभाग में तैनात थे। 1997 में उनकी मौत हो गई। 12 साल पहले मां का भी निधन हो गया, लेकिन आज तक मुझे अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिली। 2009 से ही मैं भटक रही हूं, लेकिन मुझे नौकरी नहीं मिल रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लड़की की बात को ध्यान से सुना और कहा कि कमाल की बात है कि 1997 में इसके पिता की मृत्यु हुई, लेकिन इसे नौकरी नहीं मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत ही अधिकारियों से कहा कि इस मामले को देखिए, आखिर क्या वजह है कि इन्हें अबतक नौकरी नहीं मिली।

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