
बिहार कांग्रेस में कलह: पार्टी हाईकमान के फैसले से पार्टी टूट की ओर, MLA-MLC ने बनाई दूरी

पटना : बिहार कांग्रेस में मची आपसी कलह और घमासान गहराता जा रहा है। लगातार संघर्ष का सामना कर रही कांग्रेस की वैसे ही हालत खराब है। ऐसे में कांग्रेस के विधायकों को पार्टी हाईकमान की ओर से नए प्रदेश अध्यक्ष पर लिया गया फैसला रास नहीं आ रहा है।
दरअसल, पार्टी हाईकमान की ओर से कैकब कादरी को राज्य का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के नये कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने बुधवार को सदाकत आश्रम में पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के दौरान कांग्रेस की गुटबाजी साफतौर पर नजर आई।
कार्यकारी अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के कुछ कार्यकर्त्ता जरूर पहुंचे लेकिन विधायक और विधान पार्षद मौके से नदारद दिखे। इस मौके पर सदाकत आश्रम में वही कार्यकर्ता दिखे जो अशोक चौधरी के समय कार्यालय आने से परहेज करते थे। पार्टी हाईकमान का नए प्रदेश अध्यक्ष चुनने का फैसला अधिकतर कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आ रहा है।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस अलाकमान ने अशोक चौधरी को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटि के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था। कई नेताओं का राजद से गठबंधन तोड़ देने का दवाब है क्योंकि लालू अब दागी हो चुके हैं। लेकिन आलाकमान गठबंधन नहीं तोड़ना चाहता इसके चलते बिहार कांग्रेस में कलह खुलकर सामने आ गई है।
नये कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने अशोक चौधरी के बयान को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि अशोक चौधरी को पार्टी की जिम्मेदारी आलाकमान ने ही दिया था। पद पर काबिज होना और फिर हटना स्वाभाविक प्रक्रिया है। इस दौरान लालू प्रसाद के साथ रहने से सवाल पर कादरी ने कहा राजद के साथ कांग्रेस का स्वाभाविक गठबंधन है और आगे भी जारी रहेगा।




