बिहार

किशोरी से दुष्कर्म और जबरन गर्भपात कराने मामले में कोर्ट ने कठोर उम्रकैद और 50 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाया

सुजीत गुप्ता
29 Nov 2021 12:29 PM GMT
किशोरी से दुष्कर्म और जबरन गर्भपात कराने मामले में कोर्ट ने कठोर उम्रकैद और 50 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाया
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भागलपुर। पाक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत ने सोमवार को सजौर थाना क्षेत्र से जुड़े किशोरी से दुष्कर्म और जबरन गर्भपात कराने मामले में दोषी पंकज कुमार को कठोर उम्रकैद और 50 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा दी है। विशेष न्यायाधीश ने दोषी दो अन्य अभियुक्तों विकास दास और रंजू दास को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने पीड़िता को पीड़ित सहायता कोष से दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी निर्देश दिया है। फैसले के समय अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। सजा के ऐलान बाद अभियुक्त पंकज फूट-फूट कर रोने लगा। फैसला सुनने आए स्वजन भी उसकी दशा देख फफक पड़े। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक नरेश प्रसाद राम ने बहस में भाग लिया।

सजौर थाना क्षेत्र में 2013 की थी। पीड़िता सजौर निवासी पंकज दास के घर दाई का काम नौ माह से कर रही थी। इस बीच दो-तीन महीने काम करने के दौरान पंकज की पत्नी शिव चर्चा में घर से बाहर गई तो पंकज अकेले देख रूम के अंदर काम करने को कहा। वह जैसे ही काम करने अंदर गई उसने पीड़िता को पकड़ बिस्तर पर पटक उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया था। उस दौरान उसके कपड़े फाड़ डाले गए थे।

दुष्कर्म करने के बाद पंकज ने धमकी दी थी कि यदि वह किसी को घटना के बारे में बोलेगी तो उसे गंड़ासे से काट कर मार डालेंगे। भयभीत पीड़िता ने घटना की जानकारी किसी को नहीं दी। उसके बाद पंकज ने पत्नी की अनुपस्थिति में कई बार दुष्कर्म किया। इस बीच उसके पेट को बढ़ा देख पीड़िता की मां ने जब सवाल-जबाव किया तो वह घटना की जानकारी मां को दे दी। इसपर जब आरोपित को जानकारी दी गई तो वह अपने अन्य सहयोगी विकास और रंजू दास की मदद से जबरन गर्भपात कराने एक चिकित्सक के यहां ले गया जहां जबरन गर्भपात करा दिया। 50 हजार रुपये उपचार और खाने-पीने के लिए घर पहुंचने पर देने को कह साफ इनकार कर दिया था।

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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