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Bihar News : खगड़िया में 739 दिन में 232 बेटियां गायब, 72 लड़कियों अब तक नहीं मिला सुराग

Shiv Kumar Mishra
24 April 2022 5:02 AM GMT
Bihar News : खगड़िया में 739 दिन में 232 बेटियां गायब, 72 लड़कियों अब तक नहीं मिला सुराग
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पटना :बिहार में गरीबी और अशिक्षा महिला सुरक्षा में बड़ी खाई का काम कर रही है। दो बड़े कारण सामने आए हैं, जिससे बेटियां अपराध का शिकार हो रही हैं। गरीबी और पिछड़ा जिला खगड़िया इसका बड़ा उदाहरण है। यहां महज 739 दिन में 232 बेटियां गायब हुईं, जिसमें कई का अपहरण किया गया तो कई पुरुषों के झांसे में आकर गईं। इसमें 72 का आजतक सुराग नहीं लगा है। नाबालिग बेटियों से यौन उत्पीड़न के मामले भी बढ़े हैं, लेकिन अशिक्षा और गरीबी के कारण मामले यहां पुलिस स्टेशन पहुंचने से पहले गांव की पंचायत में खत्म हो जाते हैं।

राजधानी से 200 मीटर दूर अपराध का हाल

राजधानी से महज 200 किलो मीटर दूर और नेपाल सीमा से लगभग 150 किमी दूर बिहार का खगड़िया जिला काफी पिछड़ा है। कुल 16 लाख 66 हजार 886 आबादी वाले इस जिले में महिलाओं की आबादी 7 लाख 83 हजार 100 है। इसमें ग्रामीण परिवेश में 742246 महिलाएं रहती हैं, जबकि शहरी परिवेश में रहने वाली महिलाओं की संख्या महज 40654 ही है। बात साक्षरता दर की करें तो यहां कुल 57.92 प्रतिशत लोग साक्षर हैं जिसमें महिला साक्षरता दर 49.56 है।

ऐसी स्थिति में अपराध का ग्राफ साल दर साल बढ़ रहा है, हालांकि पुलिस कार्रवाई का दावा करती है, लेकिन अशिक्षा और गरीबी के कारण अधिकतर मामले थानों पर नहीं पहुंच पाते हैं। पुलिस रिकॉर्ड में जो मामले आते हैं, वह भी चौंकाने वाले हैं।

RTI से सामने आई बेटियाें की सुरक्षा

पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट मणिभूषण प्रताप सेंगर ने बिहार के डीजीपी से RTI के तहत महिला सुरक्षा की जानकारी मांगी थी। एक जनवरी 2020 से 10 जनवरी 2022 तक बिहार के सभी जिलों में कुल कितनी बालिग और नाबालिग लड़कियां गायब हुईं या फिर उनका अपहरण हुआ, इनमें से कितनी बरामद हुईं और कितनी अभी गायब हैं।

वर्ष 2018 से 2021 तक बिहार के सभी जिलों में नाबालिग यौन उत्पीड़न के कुल कितने मामले राज्य के किन किन थानों में दर्ज हुए तथा कितने कांडों में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र 11 जनवरी 2022 तक समर्पित किए गए। इसकी पूरी विस्तृत जानकारी मांगी गई थी लेकिन मुख्यालय ने बेटियों की सुरक्षा की पाेल न खुले इसलिए सूचना के लिए जिलाें को पत्र भेज दिया था। इसी क्रम में खगड़िया से मिली सूचना से महिला सुरक्षा की पोल खुली है।

2020 में 96 गंभीर मामले

बिहार के खगड़िया जैसे छोटे जिले में वर्ष 2020 में नाबालिग और बालिग बालिकाओं के अपहरण एवं गुमशुदगी के कुल 96 मामले खगड़िया जिले में दर्ज हुए हैं। इसमें 82 मामलों में बरामदगी तो हो गई लेकिन 14 बेटियां आज भी गायब हैं। पुलिस उनका कोई सुराग नहीं लगा पाई है।

2021 में 134 बेटियां गायब

खगड़िया पुलिस की जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 में केवल बिहार के खगड़िया जिला में 134 नाबालिग एवं बालिग बेटियों के अपहरण व गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए हैं। इसमें से 57 मामलों में अभी तक बेटियों का पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है। अब तक पुलिस महज 77 पीड़िताओं काे बरामद करा पाई है। पीड़ित बेटियों का परिवार थाना से लेकर पुलिस कार्यालय का चक्कर काटता है, लेकिन पीड़िताओं को कोई सुराग नहीं लग पा रहा है।

2022 में 5 दिन में 2 अपहरण

खगड़िया में वर्ष 2022 के जनवरी माह के महज 5 दिनों में दो नाबालिग का अपहरण हुआ। इसमें पुलिस ने बेटी को बरामद कर लिया जबकि एक का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है। खगड़िया पुलिस की जानकारी के मुताबिक जनवरी माह के 5 दिन में दो अपहरण और गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए। इसमें अब तक एक में सफलता नहीं मिल पाई है।

यौन उत्पीड़न में भी बेटियों की सिसकी

खगड़िया पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक महिला अपराध की बढ़ती घटना के बाद भी यौन उत्पीड़न के मामले कम आ रहे हैं। पुलिस का आंकड़ा बताता है कि खगड़िया जिले में 4 साल में नाबालिग यौन उत्पीड़न के कुल 69 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें 2018 में 25, 2019 में 22, 2020 में 8 और 2021 में 14 मामले दर्ज हुए हैं। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि अशिक्षा और गरीबी के कारण यौन उत्पीड़न के मामलों पर पुलिस की जानकारी से पहले ही पर्दा डाल दिया जाता है।

हालांकि अब कई स्वयं सेवी संस्था एक्टिव हुई हैं, जो महिला अपराध के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। इससे बेटियां दबने के बजाए अब मुंह खोलने का साहस जुटा रही हैं, इस कारण से भी पुलिस रिकॉर्ड में मामले बढ़े हैं। खगड़िया के अलौली थाना में महिला अपराध की अधिक घटना दर्ज हुई है।

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