बिहार

प्रत्येक विभाग की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे:डीएम

सुजीत गुप्ता
18 Nov 2021 1:10 PM GMT
प्रत्येक विभाग की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे:डीएम
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स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को सिविल सर्जन ने विस्तार से रखा। योजनाओं का व्यवहारिक रूप से लाभ उठाने के लिए विकास मित्रों को निदेश दिया गया कि आशा से समन्वय स्थापित कर या उनके साथ बैठक कर स्वास्थ्य शिविर, आयरन एवं अन्य टेबलेट वितरण, संस्थागत प्रसव एवं निःशुल्क जाॅच आदि के बारे में लोगों को बताये।

मुंगेर।अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उत्थान एवं विकास हेतु कार्यशाला का आयोजन स्थानीय प्रेक्षागृह मुंगेर में किया गया। जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य पदाधिकारियों ने दीप जलाकर इसे कार्यक्रम की शुरुआत की। जिला प्रशासन द्वारा पहली बार इन क्षेत्रों के विकास वाहक विकास मित्रों के साथ रूबरू हुई। जिसमें सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं को संबंधित पदाधिकारियों द्वारा बारी बारी से विस्तृत ढंग से उन्हें बताया गया। जिला पदाधिकारी ने प्रत्येक विभाग की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सहज प्रक्रिया के संबंध में आवश्यक निदेश दिये।

स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को सिविल सर्जन ने विस्तार से रखा। योजनाओं का व्यवहारिक रूप से लाभ उठाने के लिए विकास मित्रों को निदेश दिया गया कि आशा से समन्वय स्थापित कर या उनके साथ बैठक कर स्वास्थ्य शिविर, आयरन एवं अन्य टेबलेट वितरण, संस्थागत प्रसव एवं निःशुल्क जाॅच आदि के बारे में लोगों को बताये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह स्वास्थ्य शिविर रोस्टरवार निर्धारित तिथि पर लगाया जायेगा। जहां स्वास्थ्य की योजनाओं का लाभ तथा अन्य समस्याओं का निराकरण किया जायेगा।

निर्वाचक सूची में नाम जोड़ने का काम चल रहा है। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत नये निर्वाचकों को जोड़ने के लिए प्रपत्र 6 में आवेदन भरकर संबंधित बीएलओ या प्रखंड कार्यालय में जमा कर सकते है। रंगीन फोटोग्राफ एवं मोबाईल नम्बर के साथ प्रपत्र जमा करने में आवश्यक सहयोग करने का निदेश विकास मित्रों को दिया गया। 21 नवम्बर को जिले में विशेष अभियान भी चलाया जायेगा। सभी विकास मित्रों को निदेश दिया गया कि उनके क्षेत्र में जो भी महिला एवं पुरुष निर्वाचक सूची से छूटे हुए है बीएलओ से समन्वय स्थापित कर उनका सूचीबद्ध करते हुए प्रपत्र भराये।


कृषि की विभिन्न योजना के बारे में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया। उन्होंने कृषि संगठन समूह, कृषि जल संचयन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के बारे में जानकारी दी। कृषि जल संचयन योजना अन्तगर्त एक एकड़ के भूस्वामित्र वाले किसान को अपने खेत में 20x20x20x2.5 मीटर का तालाब बना सकते है। इसके लिए सरकार 90 फीसदी अनुदान देती है जिसका मछली उत्पादन एवं अन्य बहुप्रयोग में लाया जा सकता है। किसान के लिए यह काफी हितकर योजना है। खेतों के मिट्टी जांच निशुल्क की जाती है।


विकास मित्र को निदेश दिया गया कि कृषि समन्वयक एवं कृषि सलाहकार से संपर्क स्थापित कर कृषि संबंधित योजनाओं का लक्षित समूहों में लाभ पहुॅचाये। इसके अतिरिक्त उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक ने माली प्रशिक्षण, मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण, मधुमक्खी पालन, वर्मीकम्पोस्ट निर्माण प्रशिक्षण के संबंध में भी बताया गया। जिला पदाधिकारी ने विकास मित्र को निदेश दिया कि अपने क्षेत्रों में असिंचित भूमि तथा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक किसानों की सूची बनाये तथा उन्हें योजना से लाभान्वित कराये।

जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने भी अपनी योजनाओं को विस्तार से रखा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि अनुदान आधारित योजनाओं को लोगों के बीच समझाये। इसका भूमिहीन कृषकों एवं शिक्षित युवक युवतियों को स्वरोजगार का अवसर प्राप्त होता है। 75 प्रतिशत अनुदान पर समग्र गव्य विकास योजना के तहत दुधारू मवेशी के डेयरी इकाई स्थापित किया जाता है। इससे पूर्व पशुपालकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाता है।


सहायक निदेशक पशुपालन ने बताया कि सूकर विकास योजना, समेकित भेड़ बकरी विकास योजना, कुक्कुट योजना के तहत रोजगार का व्यापक अवसर मिलता है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति भाईयों के लिए 02 मादा तथा 01 नर सूकर मात्र 3780 रुपये में दिया जाता है। 18900 योजना लागत इसकी होती है। इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, आवास प्रमाण पत्र, वोटर कार्ड तथा जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। इसी प्रकार समेकित बकरी योजना में भूमि की उपलब्धता पर बकरी विकास योजना का रोजगार किया जा सकता है। 900 वर्गफीट भूमि रहने पर 10 बकरी तथा एक बकरा जिसकी 75 हजार है। इसमें 45 हजार अनुदान दी जाती है। आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है। उसी प्रकार चुजा, कुक्कुट योजना अन्तगर्त 10 रुपये प्रति चुजा की दर से 45 चुजा लाभुक को दिया जाता है जिसमें 450 रुपये की लागत से वे रोजगार खड़ा कर सकते है। लाभुक को इसके लिए अनुदानित दर पर पिंजड़ा बनाने के लिए राशि दी जाती है।

जिला मत्स्य पदाधिकारी ने अपनी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। नये तालाब का निर्माण मछली व्यापार करने के लिए मोपेड आइस बॉक्स, फोर वीलर मालवाहक योजना के बारे में बताया गया। अनुसूचित जाति एवं जनजाति किसान एलपीसी, आधार कार्ड के साथ ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते है। विकास मित्र इन योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए निदेश दिया गया।

मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमी योजना भी चलाया जा रहा है। जिसमें अधिकतम 5 लाख रुपये अनुदान सरकार द्वारा दी जाती है। लाभुकों को प्रशिक्षण के लिए 25 हजार रुपये भी दिया जाता है। 84 समान मासिक किस्तों में ऋण का भुगतान किया जाता है। लाभुक को आवासीय, जाति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। साथ ही 18 वर्ष से अधिक कम से कम इंटर उत्तीर्ण होना चाहिए।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत भी लोग नये स्वरोजगार सेवा एवं निर्माण क्षेत्र में कर सकते है। जैसे वस्त्र, अगरबत्ती, आईसक्रीम, आटा सत्तू बेसन, कप प्लेट, मशाला, जूता आदि निर्माण रोजगार एवं आॅटो गैरेज, ब्यूटी पार्लर, सैलून, ढाबा आदि महत्वपूर्ण सेवा क्षेत्र में स्टैंड अप इंडिया योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति एवं महिलाओं को रोजगार का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है। इसमें 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक परियोजना लागत का 75 प्रतिशत बैंक ऋण दिया जाता है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी अपनी योजनाओं को विस्तार से रखा। जिला पदाधिकारी ने सभी विकास मित्रों को निदेश देते हुए कहा कि अपने क्षेत्रों में सुक्ष्म सर्वेक्षण कर सभी बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन कराना सुनिश्चित करेगे। बैंकों में खाता खुलवायेगे। ग्रामीण महिलाओं जो अनपढ़ है उन्हें अक्षर ज्ञान देगे। किताब एवं पोषाक धन राशि उनके बैंक खातों एवं पासबुक तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगे।

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने भी अपने योजनाओं बारे में बताया कि जन्म एवं मृत्यु का निबंधन अविलंब कराये एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करे। संस्थागत प्रसव होने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अविलंब प्रमाण पत्र देगे। 21 दिनों के अंदर आॅगनबाड़ी केन्द्रों में, 21 से 30 दिनों के बीच पंचायत सचिव तथा 30 दिनों के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी दे। नगर निकायों में कार्यपालक पदाधिकारी, निबंधन पदाधिकारी होते है।

सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा ने सभी पेंशन योजना तथा अन्य लाभप्रद योजनाओं को विस्तार से बताया। जिला पदाधिकारी ने विकास मित्रों को विशेष रूप से कहा कि अपने अपने क्षेत्रों घूमकर सभी वृद्ध, विधवा, दिव्यांग जो पेंशन से वंचित है उनकी सूची बनाये और लाभ दिलाने में सहयोग करे। उन्होंने कहा कि दिव्यांग का सबसे पहले प्रमाण पत्र बनाना सुनिश्चित करें उसके बाद यूडीआईडी के तहत निबंधन कराएं तभी सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते है। प्रत्येकम गुरुवार को सदर अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण बनाया जाता है। दिव्यांगों को प्राथमिकता के आधार पर स्वरोजगार हेतु ऋण भी दिया जाता है। उन्होंने बुनयाद केन्द्र के बारे में भी बताया कि घरहरा, संग्रामपुर एवं खड़गपुर में वृद्ध एवं असहाय निःशक्त के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाती है।

मुख्यमंत्री दिव्यांग विशेष उपकरण योजना के तहत जिनकी 40 प्रतिशत दिव्यांगता है। उन्हें ट्राईसाईकिल, व्हीलचेयर, श्रवणयंत्र, बैसाखी अन्य उपकरण भी दिया जाता है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि सभी 18 प्लस विधवा महिलाओं को पेंशन का लाभ देना शत प्रतिशत सुनिश्चित करे। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निःशक्त विवाह योजना, बिहार शताब्दी कुष्ठ योजना, अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना, कबीर अंत्येष्टि योजना आदि के बारे में विकास मित्रों को जानकारी दी गयी ताकि अपने अपने क्षेत्रों में जाकर व्यापक प्रचार प्रसार कराये तथा लोगों को लाभान्वित कराये। बाल संरक्षण पदाधिकारी ने भी बाल सहायता योजना, प्रयोजन योजना, परवरिश योजना के तहत इस प्रकार लोगों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। इसके बारे में बताया।

आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के तहत पहली बार गर्भवती महिलाओं को 5 हजार की राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, अन्नप्राशन, गोद भराई के बारे में विस्तार से बताया। जिला पदाधिकारी ने बताया कि सभी विकास मित्र अपने स्थानीय मौसमी, खाद्य पदार्थो के संबंध में आॅगनबाड़ी से समझे एवं लोगों को बताये। आॅगनबाड़ी केन्द्रों में अधिकाधिक नामांकन करवाये। एनआरसी केन्द्र पर चिह्नित कुपोषित बच्चों को सूचिबद्ध करते हुए आॅगनबाड़ी कर्मियों के माध्यम से भेजे। उन्हें परिवार नियोजन उनके फायदे तथा आर्थिक लाभ के बारे में बताये। पुरुष नसबंदी पर 2 हजार तथा महिला नसबंदी पर 1 हजार दी जाती है।

राशन कार्ड निर्माण के प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गयी। विकास मित्रों को कहा गया कि बैंक खाता, आधार नम्बर, आवासीय के साथ आरटीपीएस कांउटर पर राशन कार्ड निर्माण हेतु आवेदन कराने में अपने क्षेत्र में छुटे हुए लोगों को सहयोग करे। अनुमंडल पदाधिकारी खड़गपुर ने बताया कि अब वन नेशन वन कार्ड के तहत कोई भी कार्डधारी कही से किसी अन्य पंचायत/प्रखंड से भी राशन प्राप्त कर सकते है। जिला पदाधिकारी ने सभी मार्केटिंग आॅफिसर को निदेश दिया कि कैम्प मोड में मुहिम चलाकर सभी छुटे हुए लोगों से प्रपत्र क एवं ख भराकर उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराये। इसके अतिरिक्त श्रम, नियोजन, डीआरसीसी आदि द्वारा चलाया जा रहे विभिन्न योजना की भी जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं विकास मित्र उपस्थित थे।

सुजीत गुप्ता

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