
Navratri Special:सर्वमनोकामना सिद्ध स्थल है, माता थावे वाली का दरबार, कामख्या से चलकर थावे पहुंची थीं माता

नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर, देवी मंदिरों की इस श्रृंखला में हैं आज हम बात करेंगे। बिहार राज्य के गोपालगंज जिले में स्थित माता थावे वाली की महिमा के बारे में।
माता के 52 शक्तिपीठों में एक मां थावे वाली भवानी का थावे मंदिर तीन ओर जंगलों से घिरा हुआ है। यहां मां अपने परम भक्त रहषु के बुलावे पर असम राज्य के कमाख्या से चलकर आई थीं।
जानिए इतिहास
पौराणिक कथाओ के अनुसार राजा मनन सिंह हथुआ के राजा थे. वह खुद को मां दुर्गा का सबसे बड़ा भक्त मानते थे. उन्हें इस बात का घमंड था कि वह मां दुर्गा के सबसे बड़े भक्त हैं. एक बार राजा मनन सिंह के राज्य में अकाल पड़ गया. लोग दाने-दाने को मोहताज होने लगे। वहीं कुछ दूरी पर थावे में कमाख्या देवी मां का एक सच्चा भक्त रहषु रहता था. रहषु मां की कृपा से दिन में घास काटता और रात को उसी से अन्न निकल आता था. वह उस अन्न को लोगों में बांट देता था. इस चमत्कार का राजा को विश्वास नहीं हुआ. राजा ने रहषु को ढोंगी बताते हुए मां को बुलाने को कहा. रहषु ने कई बार राजा से प्रार्थना की कि अगर मां यहां आएंगी तो राज्य बर्बाद हो जाएगा।
लेकिन घमंडी राजा इस बात को नहीं माना. रहषु की प्रार्थना पर मां कोलकाता, पटना और आमी होते हुए वहां पहुंचीं और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दीं. जिसके बाद राजा के सभी भवन गिर गए और राजा को मोक्ष प्राप्त हो गया. मां ने जहां दर्शन दिया था, वहां एक भव्य मंदिर है. उसके कुछ ही दूरी पर रहषु जो मां का सबसे बड़ा भक्त था उसका भी मंदिर है।
नवरात्रि में लगता है मेला
नवरात्रि के दिनों में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। माता से आशीर्वाद लेकर श्रद्धालु अपने आपको सुखी मानते हैं। मां के भक्त प्रसाद के रूप में नारियल, पेड़ा और चुनरी चढ़ाते हैं।माता थावेवाली का मंदिर बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के थावे में स्थित है. यह गोपालगंज-सीवान राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोपालगंज जिले में स्थित है।
Satyapal Singh Kaushik
न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।