बिहार

NCRB की रिपोर्ट में नीतीश सरकार की खुली पोल, आपराधिक घटनाओं में टॉप पर बिहार!

Arun Mishra
12 Jan 2020 6:14 PM IST
NCRB की रिपोर्ट में नीतीश सरकार की खुली पोल, आपराधिक घटनाओं में टॉप पर बिहार!
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NCRB ने वर्ष 2018 के लिये जारी अपनी रिपोर्ट में देश भर के 19 मेट्रोपोलिटन शहरों में होने वाली हत्याओं में पटना को नंवर वन स्थान दिया है।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भले ही राज्य में सुशासन (Good Governance) का दावा करते हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग नजर आती है। बिहार (Bihar) में बढ़ती आपराधिक (Criminal) घटनाओं को लेकर विपक्षी पार्टियां नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार पर निशाना साधने में लगे हैं। वहीं नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो यानी NCRB ने अपनी रिपोर्ट से सच बहुत बड़ा खुलासा किया है। NCRB ने वर्ष 2018 के लिये जारी अपनी रिपोर्ट में देश भर के 19 मेट्रोपोलिटन शहरों में होने वाली हत्याओं में पटना को नंवर वन स्थान दिया है।

नसीआरबी की रिपोर्ट (NCRB Report) के अनुसार पटना में हर एक लाख व्यक्ति पर साल 2018 में 4.4 लोगों की हत्या हुई है, जबकि जयपुर में यह आंकड़ा एक लाख में 3.3 रहा और लखनऊ में प्रति लाख 2.9 लोगों की हत्या हुई। वर्ष 2018 में हुई हत्याओं की बात की जाए तो बिहार का आंकड़ा पड़ोसी राज्य झारखंड से बेहतर रहा है। बिहार में 2018 में एक लाख पर 2.2 लोगों की हत्या का रिकॉर्ड दर्ज किया गया जबकि झारखंड में यह रिकॉर्ड 4.6, अरुणाचल प्रदेश में 4.2 और असम में 3.6 दर्ज किया गया है।

महिलाओं के खिलाफ भी बिहार में बढ़ गए अपराध

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या 16,920 हो गए जो कि वर्ष 2017 की 14,711 की तुलना में 2,200 से अधिक मामले हैं। बता दें कि वर्ष 2016 में रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या 13,400 थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में 98.2 प्रतिशत बलात्कार के मामलों में अपराध पीड़ितों के जानने वालों ने किया।

दहेज से हुई मौत में पटना पहले स्थान पर

दहेज के कारण होने वाली मौत में भी पटना पहले पायदान पर है. यहां वर्ष 2018 में एक लाख की आबादी पर 2.5 लोगो की मौत दहेज के कारण हुई है, जबकि कानपुर में भी प्रति लाख 2.5 लोगों की मौत दहेज के कारण हुई। यानी दहेज के लिए हुई मौतों पर पटना और कानपुर संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं। 2018 में बिहार में ह्यूमन ट्रेफिकिंग के 179 मामले सामने आए जिसमें 231 पीड़ितों की व्यथा और दुश्वारियां सामने आयीं. यह भी देश भर में सर्वाधिक होने का रिकॉर्ड है।

बिहार में संपत्ति विवाद के भी सर्वाधिक मामले

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में बिहार में देश भर में सबसे ज्यादा 6608 संपत्ति विवाद के केस सामने आए। यहां एक लाख की आबादी पर 5.8 लोग संपत्ति विवाद के मामले में शामिल थे।

बिहार में वर्ष 2018 में चोरी के मामले

एनसीआरबी के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2018 में बिहार में सामान्य चोरी की 12 हजार 209 घटनाएं सामने आईं, जबकि इस दौरान वाहनों की चोरी के करीब 18,665 केस दर्ज किए गए, इसके अलावा पूरे साल में फर्जीवाड़ा के 4,600 मामले भी पूरे बिहार में दर्ज किये गए।

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