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बिहार में शादी के लिए अब आठ वचन लेने होंगे, जानिए क्या है ये आठंवां वचन

Ekta singh
22 Oct 2017 7:05 PM IST
बिहार में शादी के लिए अब आठ वचन लेने होंगे, जानिए क्या है ये आठंवां वचन
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बिहार के मुख्यमंत्री ने 2 अक्टूबर को दहेज़ प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान की शुरुआत की है. यह शपथ पत्र उसी अभियान का एक हिस्सा है. राज्य सरकार और कानून लगातार इन कुरीतियों को राज्य से बाहर निकालने के प्रयास कर रही है.

पटना: विवाह में सात वचन दिए जाते है लेकिन बिहार में अगर शादी करनी है तो आपको पहले शपथ पत्र देना होगा और शपथ पत्र आठ वचन होगा. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह शपथ पत्र देना जरूरी होगा.

शपथ पत्र भरवाने का जिम्मा मैरेज हॉल के प्रबंधकों का होगा. बिना शपथ पत्र भरे मैरिज हॉल की बुकिंग नहीं हो सकती है. बता दे बिहार के मुख्यमंत्री ने 2 अक्टूबर को दहेज़ प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान की शुरुआत की है. यह शपथ पत्र उसी अभियान का एक हिस्सा है. राज्य सरकार और कानून लगातार इन कुरीतियों को राज्य से बाहर निकालने के प्रयास कर रही है.

यह शपथ पत्र मैरेज हॉल, सामुदायिक भवन, होटल या ऐसे ही किसी सार्वजनिक स्थान पर शादी करते समय संबंधित संस्थान के संचालक के पास जमा करना होगा. इसके बिना विवाह समारोह के लिए वह भवन बुक ही नहीं हो पाएगा. बिना ऐसे शपथ-पत्र का विवाह समारोह आयोजित करने पर संचालक फंसेंगे.

में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह शपथ पत्र देना जरूरी होगा. शपथ पत्र भरवाने का जिम्मा मैरेज हॉल के प्रबंधकों का होगा. बिना शपथ पत्र भरे मैरिज हॉल की बुकिंग नहीं हो सकती है.

बता दे बिहार के मुख्यमंत्री ने 2 अक्टूबर को दहेज़ प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान की शुरुआत की है. यह शपथ पत्र उसी अभियान का एक हिस्सा है. राज्य सरकार और कानून लगातार इन कुरीतियों को राज्य से बाहर निकालने के प्रयास कर रही है.

यह शपथ पत्र मैरेज हॉल, सामुदायिक भवन, होटल या ऐसे ही किसी सार्वजनिक स्थान पर शादी करते समय संबंधित संस्थान के संचालक के पास जमा करना होगा. इसके बिना विवाह समारोह के लिए वह भवन बुक ही नहीं हो पाएगा. बिना ऐसे शपथ-पत्र का विवाह समारोह आयोजित करने पर संचालक फंसेंगे.

मैरिज हॉल के संचालक द्वारा लिए गए घोषणापत्र को बाल विवाह और दहेज निषेध कानून के अनुपालन में लगाए गए संबंधित अधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण के क्रम में मांगा जा सकता है. नहीं देने पर हॉल के संचालक को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

यह व्यवस्था की जा रही है कि मैरिज हॉल या होटल में जिन तारीखों पर शादी की बुकिंग है वहां उक्त तारीख पर ऑनलाइन मैरिज रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था कर दी जाए. मैरिज हॉल संचालकों द्वारा वधू व वर पक्ष को इस बारे में पूर्व में सूचित किया जाए ताकि विवाह के दिन इस बात को लेकर कोई परेशानी न हो.



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