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बिहार में लागू होगी पुरानी पेंशन? डिप्टी CM ने दिया ये जवाब

Sakshi
8 March 2022 2:59 AM GMT
बिहार में लागू होगी पुरानी पेंशन? डिप्टी CM ने दिया ये जवाब
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आलोक कुमार मेहता ने सोमवार को विधानसभा में अल्पसूचित प्रश्न में जानना चाहा था कि राजस्थान की तर्ज पर क्यों नहीं बिहार में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जा सकती है...

बिहार में राजस्थान की तरह ही पुरानी पेंशन को लागू करने के सवाल पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने साफ कहा है कि बिहार में पुरानी पेंशन नीति लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्र सरकार की तर्ज पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मियों को दी जा रही है। सरकार के संज्ञान में अभी देश के किसी भी राज्य में पुरानी पेंशन नीति लागू नहीं है।

वहीं आलोक कुमार मेहता ने सोमवार को विधानसभा में अल्पसूचित प्रश्न में जानना चाहा था कि राजस्थान की तर्ज पर क्यों नहीं बिहार में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जा सकती है। इसपर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में केंद्र सरकार के अनुरूप पेंशन योजना लागू है। एक सितम्बर 2005 के बाद से बहाल हुए कर्मियों को न्यू पेंशन स्कीम का ही लाभ मिलेगा। इस पर प्रश्नकर्ता ने पूरक प्रश्न में कहा कि राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू की है। इसका यह अर्थ है कि राज्य सरकार अपने हिसाब से पेंशन स्कीम लागू कर सकती है। ऐसे में बिहार में पुरानी पेंशन सुविधा क्यों नहीं लागू की जा सकती है। लेकिन उपमुख्यमंत्री ने यह कहते हुए साफ इनकार किया कि सरकार के पास इससे संबंधित कोई प्रस्ताव नहीं है।अख्तरुल ईमान ने पूछा कि 8.78 लाख किसान क्रेडिट कार्ड की तुलना में मात्र 1.36 लाख का ही वितरण क्यों हुआ है। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन नहीं है। लक्ष्य के अनुसार केसीसी वितरण के लिए एसएलबीसी की बैठक में बैंकों को आवश्यक निर्देश दिया जाएगा। आलोक कुमार मेहता व शकील अहमद ने कहा कि देश में सबसे कम बैंकों का सीडी रेशियो बिहार में ही है। ऐसे में एसएलबीसी की बैठकों का क्या औचित्य है। चंद्रहास चौपाल के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकारी कर्मियों के तीन बार ही बीपीएससी परीक्षा देने का प्रावधान है और इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

पारित हुआ 7894 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के तृतीय अनुपूरक बजट 7894 करोड़ विधानसभा से पारित कर दिया गया। इसमें सबसे अधिक 3551 करोड़ ग्रामीण विकास के लिए दिया गया है। खासकर ग्रामीण आवास के निर्माण को लेकर इस राशि की स्वीकृति विभाग को मिली है। बिहार विनियोग विधेयक 2022 के अंतर्गत तृतीय अनुपूरक बजट की स्वीकृति ली गई है। विधानसभा में सोमवार को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इसकी स्वीकृति का प्रस्ताव सदन में रखा था, जिसे पारित कर दिया गया। वहीं ऊर्जा विभाग को 1017 करोड़, पंचायती राज विभाग के लिए 644 करोड़ और ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यों के लिए 400 करोड़ की स्वीकृति दी गई। पंचायती राज विभाग के अनुदान की मांग पर सदन में चर्चा हुई। इसी प्रकार कृषि विभाग को 334 करोड़, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को 75 करोड़, शिक्षा विभाग को 54 करोड़ 76 लाख, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग को 14 करोड़ नौ लाख और गृह विभाग को तीन करोड़ 14 लाख की राशि दी गई है।

1358 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव

गौरतलब है कि अरुण सिंह के तारांकित प्रश्न के जवाब में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि चयनित आवेदकों से ही सीएम स्वरोजगार उद्यमिता के लिए जीएसटी लिया गया है। कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव के सवाल के जवाब में प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि कब्रिस्तान की घेराबंदी का प्रावधान है पर इसकी मरम्मत की कोई योजना नहीं है। मीना कुमारी के सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मधुबनी में 1358 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव आया है। इसमें तीन राइस मिल का प्रस्ताव भी शामिल है।

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