बिहार

भूमिहीनता और भूमि सुधार पर एक दिवसीय परिसंवाद सह -समागम खत्म

सुजीत गुप्ता
19 Sep 2021 12:31 PM GMT
भूमिहीनता और भूमि सुधार पर एक दिवसीय परिसंवाद सह -समागम खत्म
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प्रसून लतांत

पटना। आज राजधानी पटना में बिहार में भूमिहीनता और भूमि सुधार पर एक दिवसीय परिसंवाद सह -समागम खत्म हो गया.इसके पूर्व अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसुरत कुमार व एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही.राजगोपाल ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर समागम का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर समागम में आने वाले लोगों ने जय जगत,जय जगत नामक गीत गाएं.इसके बाद मंत्री जे एक-दूसरे से परिचित हुए.परिचय होने के बाद मंत्री जी ने समस्याओं को जाना.पश्चिम चम्पारण से आए लोक सघर्ष समिति के पंकज जी ने सीलिंग भूमि की समस्या को उठाया.उन्होंने तीन आवेदन को मंत्री जी को समस्या समाधान करने के लिए।

इस अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल ने कहा कि मंत्री बने दस माह ही हुआ है.इन दस माह में शानदार कार्य करने का शुभारंभ कर दिया है.उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही राजस्व अधिकारी के 765 रिक्त पद भरे जाएंगे. इसके लिए विभाग ने बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) को अधियाचना भेजा है।

अमीन के कुल 1522 रिक्त पद पर नियमित नियुक्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है.विभाग ने इसके लिए संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद को अधियाचना भेजी है. परीक्षा पर्षद से अनुशंसा मिलते ही रिक्त पद जल्द भरे जाएंगे. उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मचारी 4353 पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग को अधियाचना भेजी गई है. कर्मचारी चयन आयोग से अनुशंसा मिलते ही इन पदों पर नियुक्ति की जाएगी।

मंत्री जी ने कहा कि आपलोगों की मांग है कि आवासीय भूमिहीनों को दस डिसमिल जमीन मिले.इस ओर कृतसंकल्प है.हमलोग पांच डिसमिल जमीन भूमिहीनों को देने को देने के लिए वचनबद्ध है.गैर मजरूआ जमीन नहीं होने पर जमीन खरीदकर देंगे।

इस अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल ने द्वार खोल दिया है.आपलोग बुधवार को आए आवेदन लेकर निपटारा हम करेंगे.आज जो आवेदन दें उस पर कृत कार्रवाई की जानकारी देंगे.उन्होंने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग लोअर, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चलने वाले मसले से परेशान है.

उसी तरह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंदर भी कोर्ट है.फिर मसले को निपटारा करके ही मानेंगे.भले ही शतप्रतिशत समस्याओं का समाधान न हो सकें. मौके पर एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही.राजगोपाल ने कहा कि हम लोगों ने 2007 में जनादेश सत्याग्रह पदयात्रा किये थे.इसी तरह 2012 में जन सत्याग्रह 2012 आंदोलन किया गया.आंदोलन का परिणाम निकला मोहब्बत की नगरी आगरा में तत्कालीन केंद्र सरकार से समझौते हुए.केंद्र सरकार ने सत्याग्रहियों के 10 मांगों को मान लिया.सरकार की ओर से केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आगरा में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आगरा में समझौते के आलोक में देश के सभी मुख्यमंत्रियों को एडवाइजरी 2013 में भेजे थे. समझौते के तहत केंद्र सरकार को चार से छह माह में नई राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनानी थी. कृषि भूमि और आवास भूमि पर अधिकार के लिए अलग से कानून बनाना था. इसके अलावा जमीन से जुड़े मामलों के त्वरित निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का भी गठन करना।

समागम ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि जिस प्रकार भूमि सुधार कानून लागू करने में बिहार अव्वल रहा है.उसी तरह पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के भूमि सुधार संबंधी एडवाइजरी को लागू कर बिहार को पहला राज्य बना लें। बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी,सांसद रामकृपाल यादव,व्यास जी,सुधा वर्गीस,प्रदीप प्रियदर्शी, मंजू डुंगडुंग,डॉ.विघार्थी,साधु शरण,कुमार शुभमूर्ति,अरूण मुसहर आदि ने संबोधित किये.

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