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आखिर मुर्दा लड़की जिंदा होकर कोर्ट में हुई उपस्थित, सवालिया निशान?पुलिस ने जो लाश बरामद की वह आखिर किसकी थी!

आखिर मुर्दा लड़की जिंदा होकर कोर्ट में हुई उपस्थित, सवालिया निशान?पुलिस ने जो लाश बरामद की वह आखिर किसकी थी!
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शेखपुरा(ललन कुमार)- शेखपुरा जिला न्यायालय के समक्ष उस समय अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया जब भारी संख्या में मुर्दा लकड़ी लड़की जिंदा होकर कोर्ट के सामने उपस्थित हो गई. अब सवाल उठता है कि जिस लड़की की हत्या का आरोप लगाकर दहेज हत्या के मामले में मृतक लड़की के परिजन द्वारा ससुराल वालों पर मामला दर्ज कराया गया था. आखिर अब सवाल उठता है कि जिस लड़की की लाश घाटकुसुम्भा के बाउघाट के हरोहर नदी से पुलिस ने बरामद किया था आखिर वह किसकी थी.






आपको बताते चलें कि बीते दिनों 21 जून को शेखपुरा जिले के घाटकुसुम्भा प्रखंड के बाउघाट गांव स्थित नदी में एक विवाहिता की हत्या किए जाने के बाद लाश पुलिस द्वारा बरामद की गई थी. पुलिस ने लाश बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल लाया जिसके बाद नैहर और ससुराल पक्ष वाले अस्पताल में ही एक दूसरे से भिड़ गए थे. इसके पूर्व ही कुछ दिन पहले एक विवाहिता संगीता कुमारी जिसकी नैहर जिले के भदौसी गांव था. कुछ दिनों से लापता थी. संगीता के ससुराल वाले ने कोरमा थाना में अपने बहु की गुमसुदगी की सूचना दे डाली. इधर संगीता अपने प्रेमी के साथ पंजाब के पठान कोट भाग चुकी थी . लेकिन संगीता के परिजनों ने संगीता को मृतक समझकर बरामद लाश को अपने बेटी की लाश मानकर उसके पति, ससुर समेत ससुराल के अन्य लोगों पर दहेज का हत्या मुकदमा कोरमा थाना में दर्ज कराया दिया. पोस्टमार्टम के बाद नदी से बरामद लाश को संगीता के परिजनों को सौंप दिया गया था.







बताया जाता है कि 27 अप्रैल को संगीता की शादी घटकुसुम्भा प्रखंड के बाउघाट गांवों में रामदास महतो के पुत्र अरविंद कुमार के साथ शादी हुई थी. शादी के उपरांत नवविवाहिता अपने ससुराल के एक युवक से आंखें चार कर बैठी संगीता का प्यार परवान पर जब चढ़ा तो वह अपने प्रेमी के साथ अमृतसर पंजाब के पठानकोट भाग कर चली गई. वहीं वह रहने लगी. इसी बीच अरविंद और उसके परिजन नदी से बरामद लाश के मामले में हत्या का मुकदमा झेल रहे थे.उनलोंगो ने ठान लिया कि संगीता को खोज निकालना है.अरविंद के परिजनों ने संगीता को ढूंढ कर पता लगा लिया तो संगीता के ऊपर पुलिस का दबाव बढ़ने लगा. पुलिस का दबाव बढ़ते ही संगीता अचानक 28 जुलाई शनिवार को शेखपुरा जिला न्यायालय में उपस्थित हो गई.

इस दौरान भदौसी गांव और बाउघाट के ग्रामीणों को भनक लगते ही कोर्ट परिसर में काफी भीड़ लग गई. अफरा-तफरी का माहौल रहा. इसके बीच पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्की लाठीचार्ज भी करनी पड़ी. अब आखिर सवालिया निशान पुलिस के सामने उठ रही है. 21 जून को बाउघाट की नदी में जो लाश बरामद हुई थी आखिर किसकी थी.


वहीं न्यायालय में बयान दर्ज कराने के जिंदा संगीता ने मीडिया को बताया कि वह ससुराल से रूठकर पंजाब के पठान कोट चली गई थी.वह वहीं जान पहचान वाले के यहां रह रही थी.इसी बीच उसे पता चला कि संगीता के मां-बाप ने उसके पति,ससुर समेत अन्य लोंगों पर उसकी हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया है .इसी लिए वह कोर्ट को बताने पहुंची है कि वह जिंदा है

इधर कोरमा थानाध्यक्ष ने बताया कि कोर्ट ने संगीत को छः महीना अपने नैहर भदौसी गांव में अपने माँ -बाप के साथ रहने का आदेश दिया है.संगीता बालिग है.
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