
मोदी के मंत्री के बेटे पर साम्प्रदायिक तनाव फ़ैलाने का आरोप, गिरफ्तारी वारंट जारी

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य राज्य मंत्री के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे और उनके साथियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। प्रतिपदा विक्रम संवत की पूर्व संध्या पर बगैर अनुमति के भागलपुर में जुलूस निकालने और दो समुदायों के बीच तनाव के मामले में सीजेएम कोर्ट ने भाजपा नेता अर्जित चौबे समेत नौ लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। थाना नाथनगर के इंस्पेक्टर मो.जनीफुद्दीन ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने की अर्जी कोर्ट में दी थी।
बता दें कि अर्जित चौबे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के बेटे हैं और साल 2015 में भागलपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। इससे पहले कोर्ट ने पुलिस की अर्जी अधूरी बताकर दो बार लौटा दी थी। अर्जित के अलावा जिनके खिलाफ वारंट जारी हुए हैं उनमें देव कुमार पांडे, अनूप लाल साह, प्रणब साह, अभय घोष सोनू, प्रमोद वर्मा, निरंजन सिंह, संजय भट्ट और सुरेंद्र पाठक शामिल है।
ये सभी नाथनगर थाना की एफआईआर संख्या 176 /18 के नामजद आरोपी हैं। भागलपुर में जुलूस निकालने के बाद हुए साम्प्रदायिक तनाव के मद्देनजर पुलिस ने 17 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की थी। एफआईआर नाथनगर थाना के सब इंस्पेक्टर हरिकिशोर चौधरी ने लिखवाई है। हालांकि, जुलूस में डीजे बजाने वाले संचालक बबलू मंडल को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
इस मामले का सुपरविजन भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार खुद कर रहे हैं। इनके मुताबिक दर्ज नामजद आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। 17 मार्च को हुए उपद्रव से अभी भी भागलपुर प्रशासन की सांसें अटकी पड़ी हैं। रविवार (25 मार्च) को रामनवमी की वजह से ज़िले के 386 स्थानों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल तैनात किया गया है। 24 घंटे कंट्रोल रूम खुला रखा गया है। दंगा निरोधक दस्ता, सीआईएसएफ, बीएमपी और जिला पुलिस के जवान इलाके में गश्त लगा रहे हैं। नाथनगर समेत सटे अन्य इलाकों में सुरक्षा बल फ्लैग मार्च कर रहा है। शनिवार की शाम खुद एसएसपी ने अपने नवोदय स्कूल के पुराने सहपाठियों के साथ मोटरसाइकिल पर शांति जुलूस भी निकाला और गांवों में जाकर अमन-चैन बहाल रखने की अपील की। इनकी कोशिश है कि रामनवमी ठीक से गुजर जाए।
मालूम हो कि
बीजेपी, आरएसएस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पिछले शनिवार (17 मार्च) को बिहार के भागलपुर में एक जुलूस निकाला था, जिसके बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। उस जुलूस में अर्जित शाश्वत भी शामिल थे। पुलिस एफआईआर में शाश्वत पर बिना इजाजत के जुलूस निकालने का आरोप है। दूसरी एफआईआर में 500 लोगों पर दंगा भड़काने के आरोप हैं।




