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14 साल के लड़के ने पूरा थाना कराया लाइन हाज़िर!

Arun Mishra
26 Jun 2018 11:45 AM IST
14 साल के लड़के ने पूरा थाना कराया लाइन हाज़िर!
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'बच्चे की ग़लती सिर्फ़ इतनी थी कि वो जिप्सी में आए पुलिसवालों को मुफ़्त की सब्ज़ी नहीं देता था'
पटना : यदि आप जूझने की क्षमता रखते हैं तो भ्रष्टाचार में डूबे पूरा सिस्टम को सबक सिखाया जा सकता है। बिहार की राजधानी पटना में सब्जी का ठेला लगाने वाले 14 साल के एक नाबालिग ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया। एक 14 साल को बेटा अपने पिता के साथ पटना के एक बाज़ार में सब्ज़ियां बेचता था और पुलिसवाले जब उसके पास मुफ़्त में सब्ज़ी लेने आते थे वो साफ़ मना कर देता। उसका परिणाम से हआ कि पुलिसवालों को उसका ये इनकार बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने उसे झूठे मामले में फंसाकर जेल में डाल दिया।
सुरेश के पिता ने मिडिया को बताया, "मेरे बच्चे की ग़लती सिर्फ़ इतनी थी कि वो जिप्सी में आए पुलिसवालों को मुफ़्त की सब्ज़ी नहीं देता था। इसी बात से नाराज़ होकर पुलिसवाले उसे 'देख लेने' की धमकी देते थे।
उनके मुताबिक, 19 मार्च की शाम साढ़े सात बजे जब बाप-बेटे सब्ज़ी बेचकर घर लौटे तो अगमकुआं थाने की पुलिस सुरेश को घर से उठा ले गई। परेशान पिता और घरवाले बेटे का हाल-चाल जानने के लिए थाने और आला अधिकारियों के यहां चक्कर लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। 21 मार्च को उन्हें पता चला कि उनके बेटे को बाइक लूट के आरोप में जेल भेज दिया गया है।
आधार कार्ड में सुरेश की उम्र 14 साल है, लेकिन पुलिस ने उसे 18 साल का बताकर बाल सुधार गृह भेजने के बजाय जेल में डाल दिया। मामला स्थानीय मीडिया में ख़बर आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जांच टीम का गठन किया गया और जांच के बाद थाने के 12 पुलिसवालों निलंबित करते हुए पूरे अगमकुआं थाने को लाइन हाज़िर कर दिया गया है और पटना ज़ोन के आईजी नैय्यर हसनैन ख़ान ने वहां नए पुलिसकर्मियों की तैनाती के आदेश दे दिए हैं।
साथ ही पटना सिटी के पूर्व एएसपी हरिमोहन शुक्ला को निलंबित कर दिया है और उन पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी कर दी गई है।
इस कार्रवाई के बाद तीन महीने से परेशान सुरेश के परिजनों को थोड़ी राहत मिली है। बीबीसी से बात करते हुए सुरेश के पिता ने कहा, "हमें उम्मीद है अब तक न्याय मिला है। आगे भी हमारे पक्ष में ही फ़ैसला आएगा।
कर्ज़े में डूब गया परिवार
पटना के एक किराये के मकान में रहने वाला ये परिवार 19 मार्च के बाद बेटे को जेल से बाहर निकालने की कोशिश में दो लाख के कर्जे में डूब चुका है। सब्ज़ी बेच कर पेट पालने वाले इस परिवार में कोई पढ़ा-लिखा नहीं है। सिर्फ़ सुरेश की छोटी बहन का दाखिला एक सरकारी स्कूल में पहली कक्षा में कराया गया है।
बालके के पिता कहते हैं कि उनकी सुरेश से आख़िरी मुलाकात कुछ दिन पहले ही हुई थी। वह कहते हैं कि उनका 14 साल साल का बच्चा दहशत में है। उन्होंने कहा, "उसे पुलिस ने बहुत पीटा है। हो सकता है वो बाहर आ जाए, लेकिन पुलिस की दहशत और उनके दिए जख्म कैसे भरेंगे? वैसे उन्हें ख़ुशी भी है कि इस कार्रवाई से मुफ़्त की सब्जियां खाने वाले पुलिसकर्मियों पर कुछ लगाम तो ज़रूर लगेगी।
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