
खुशबू सुसाइड केस- पारा मेडिकल छात्रों ने निकाला कैंडिल मार्च में सीबीआई जांच की मांग

पटना . आईजीआईएमएस में नर्सिंग की छात्रा खुशबू कुमारी की आत्महत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना को लेकर पारामेडिकल छात्रों में आईजीआएमएस प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ने लगा है।
छात्रों को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में आज बड़ी संख्या में पारा मेडिकल छात्रों समेत वामपंथी दल सीपीआई (एम) की महिला इकाई अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा), एपवा और एसएफआई ने संयुक्त रूप से गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति से कारगिल चौक तक कैंडिल मार्च निकाला।
छात्रों ने इस दौरान आईजीआईएमएस पारा मेडिकल कॉलेज की प्रिसिंपल अनुजा डेनियल की गिरफ्तारी के साथ खुशबू की आत्महत्या को हत्या करार देते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की। मार्च में शामिल खुशबू कुमारी के पति मिशू राज ने पत्नी को प्रताड़ित कर उसे मार डालने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की।
आईजीआईएमएस पारा मेडिकल संघ के भारत भूषण ने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर प्रिंसिपल अनुजा दयाल की गिरफ्तारी और मामले की सीबीआई जांच 48 घंटे केअन्दर शुरु नहीं हुई तो सभी मेडिकल कॉलेजों को बंद कराया जाएगा। एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राम परी देवी ने कहा कि बिहार के शैक्षणिक संस्थानों में लगातार छात्रों के साथ यौन और मानसिक शोषण हो रहा है और सरकार इसे रोकने के ले कुछ नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि आईजीआईएमएस की नर्सिंग की छात्रा खुशबु कुमारी को प्रिंसिपल द्वारा इतना मानसिक शोषण किया गया कि वह आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। उन्होंने कहा कि हमलोग मांग करते हैं कि इस मामले के सभी दोषियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई के साथ स्वास्थ मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफा की मांग की।
रामपरी देवी ने कहा कि इस मामले को लेकर एडवा 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन भी करेगी। मार्च में एडवा की सरिता पांडेय, अनिता द्विवेदी, एपवा की अनिता, डीवाईएफआई के प्रदेशअध्यक्ष मनोज कुमार चन्द्रवंशी व एसएफआई के राज्य कमिटी सदस्य कुमार निशांत सहित कई लोग शामिल थे।




