
बिहार में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ लगाया गया मानव कतार

चेवाड़ा। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने चेवाड़ा चौक पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ मानव कतार लगाया गया. मानव कतार में सैंकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और केंद्र सरकार को कहा कि इस काले कानून को फौरन वापस ले और एनपीआर व एनसीआर के बहाने गरीबों को डराना बंद करे. वामपंथी दलों ने पूरे बिहार में मानव कतार लगाया था और रालोसपा ने इसका समर्थन किया था.
रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक के नेतृत्व में सैंकड़ों नागरिकों ने मानव कतार लगा कर केंद्र सरकार के काने कानून को नकारा और कहा कि यह कानून गरीब विरोधी है. फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि यह कानून देश के गरीबों की हकमारी के लिए है. केंद्र सरकार हिंदू-मुसलमान के नाम पर उलझाना चाह रही है लेकिन सच यह है कि यह कानून देश के दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के खिलाफ है और अपने ही घर से निकालने की साजिश है. केंद्र की सरकार गरीबों से उनकी नागरिकता छीन कर उनसे वोट देने का अधिकार और दूसरी सुविधाएं छीनने की साजिश है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ-साथ नीतीश कुमार और रामविलास पासवान भी इस पाप में साझीदार हैं, राज्यसभा में अगर इन नेताओं ने बिल का विरोध किया होता तो यह कानून वहीं दफन हो जाता. रालोसपा नेता खालिद इमाम मल्लिक ने इस कानून को गरीब विरोधी बताया तो राजद नेता लटरू यादव ने कहा गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए केंद्र सरकार ने यह कानून बनाया है. मानव कतार ने राजद नेता लटरू यादव, मोहम्मद सरवर, इरशाद राजा, प्रह्लाद चौधरी, मुकेश यादव, इरशाद राजा, मोहम्मद अख्तर, मोहम्मद हबीब, राजद के प्रखंड अध्यक्ष जनार्दन यादव, ऋषि यादव (चकंदरा), मनोज यादव (सिझौड़ी), मोहम्मद हाशिम, हशमत सहित सैंकड़ों लोगों ने मानव कतार बना कर अपना विरोध दर्ज कराया. मानव कतार में तियाय, सिझौड़ी, रांकड़ और अस्थावां सहित आसपास के गांव के लोगों भी शामिल हुए और हाथ से हाथ मिला कर इस काले कानून के खिलाफ संकल्प लिया.




