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लालू को मिलेगी जल्द बेल, सिर्फ इस कारण से!

लालू को मिलेगी जल्द बेल, सिर्फ इस कारण से!
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सबसे बड़ी बहस इस पर स्टार्ट है कि साढ़े तीन साल की सजा क्यों ? अब तक कोर्ट से 5 साल, 7 साल, 10 साल की सजा सुनाई जाती रही है, फिर ऐसे में महीने का शब्द कहां से जुड़ गया ?

चारा घोटाले का बहुप्रतीक्षित फैसला आखिर आज आ ही गया. राजद मुखिया लालू प्रसाद को मौजूदा केस में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है. साथ में, 5 लाख रूपये का जुर्माना भी लगा है. जहानाबाद के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को सात साल की सजा मिली है. सजा का एलान होते ही सभी पक्ष सक्रिय हो गए हैं.


फैसले के गुण-दोष की विवेचना शुरू हो गई है. सबसे बड़ी बहस इस पर स्टार्ट है कि साढ़े तीन साल की सजा क्यों ? अब तक कोर्ट से 5 साल, 7 साल, 10 साल की सजा सुनाई जाती रही है, फिर ऐसे में महीने का शब्द कहां से जुड़ गया ?

कानून के जानकार बड़े वकील कहते हैं कि यह 6 महीना सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण हो गया, क्योंकि इस कारण लालू प्रसाद को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट से तुरंत प्रोविजनल बेल नहीं मिला. जज ने यह कन्फर्म किया कि लालू प्रसाद के बेल की अर्जी उनके यहां न लगे और वे अभी कोर्ट में ही रहें. पर, साढ़े तीन साल की सजा में आगे बेल बहुत मुश्किल नहीं होती है.

बिहार के सीनियर एडवोकेट वाई वी गिरी कहते हैं कि निश्चित तौर पर लालू प्रसाद को कम सजा देने के मामले में उनके स्वास्थ्य और उम्र का भी ख्याल रखा गया होगा. अब जब हाईकोर्ट में लालू प्रसाद बेल के लिए जायेंगे, तो सीबीआई की जांच पर नहीं, स्पेशल जज के फैसले के मजबूत-कमजोर पक्ष को देखा जायेगा. उम्मीद सभी कर रहे हैं कि लालू प्रसाद बहुत जल्द बेल के लिए हाईकोर्ट जायेंगे. यह बेल पिटीशन रांची हाईकोर्ट में दाखिल किया जायेगा.
राष्ट्रीय जनता दल के सूत्र कहते हैं कि सजा के फैसले की स्टडी के तुरंत बाद जमानत याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी जायेगी. कानूनी दांव-पेंच को समझने वाले दूसरे बड़े जानकारों का कहना है कि हल्ला चाहे जितना भी मचा हो, सीबीआई कोर्ट ने अधिक सजा के लिए लालू प्रसाद को उपयुक्त नहीं माना है. इसे ऐसे देखिये कि लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा मिली और जहानाबाद के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को सात साल की. इसका अर्थ तो स्पष्ट है कि कोर्ट ने मौजूदा केस में जगदीश शर्मा का अपराध लालू प्रसाद से भी ज्यादा माना है.
फैसले के बाद बिहार की पोलिटिकल एक्टिविटी पर नजर रख रहे लोगों का कहना है कि फैसले से राजद बहुत परेशान नहीं है. कारण कि उसे लालू प्रसाद बहुत जल्द जेल से बाहर आते दिख रहे हैं. जमानत को राजद खेमा तय मान रहा है. दूसरी ओर एनडीए यह समझ नहीं पा रहा है कि सजा इतनी कम कैसे हो गई. जगदीश शर्मा से भी कम सजा लालू प्रसाद को,एनडीए के नेता ठीक से हजम नहीं कर पा रहे हैं.

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