
प्रशांत किशोर पर बोले नीतीश कुमार- कोई पार्टी के खिलाफ काम नहीं कर सकता

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्रीय कैबिनेट में इसलिए शामिल नहीं हूई क्योंकि उन्हें 'सांकेतिक हिस्सेदारी' नहीं चाहिए थी. उन्होंने हालांकि यह साफ कर दिया कि इससे बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और दोनों पार्टियां आगे भी मिलजुल कर काम करती रहेंगी. पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर से जुड़े एक सवाल पर नीतीश ने कहा कि 'कोई पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ काम नहीं कर सकता.'
नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से कहा, 'हम पूरी तरह से मोदी सरकार के साथ हैं. मैंने नई दिल्ली से लौटते वक्त (शपथ समारोह के बाद) ही इसे साफ कर दिया था. बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत है. उसे अपने बूते सरकार बनाने का जनादेश मिला है और वह अपने सहयोगियों के भरोसे नहीं है. इसके बावजूद उसने (बीजेपी) सोचा कि सभी सहयोगियों को सांकेतिक हिस्सेदारी भी जरूर मिलनी चाहिए. हमें लगा कि इसकी जरूरत नहीं है.'
नीतीश कुमार ने आगे कहा, 'ये सोचना गलत है कि उस फैसले (कैबिनेट में शामिल न होना) से बीजेपी के साथ हमारी दूरियां बढ़ी हैं. हमारा काम करने का तरीका है और केंद्र में एक या दो मंत्री रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता. हमने बिहार की भलाई के लिए एनडीए में वापस लौटने का फैसला किया और अंत तक इस पर कामय रहेंगे.' नीतीश कुमार ने 2013 में नरेंद्र मोदी का विरोध करते हुए एनडीए के साथ 17 साल पुराना अपना गठजोड़ तोड़ दिया था. उस वक्त लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद का अपना चेहरा बनाया था.
बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन है. लोकसभा में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा और 17-17 सीटों पर जीत दर्ज की. 2015 बिहार विधानसभा के चुनाव में जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने एक साथ चुनाव लड़ा और सरकार बनाया. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और लालू के दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप यादव मंत्री बनाए गए. हालांकि बाद में लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, जिसके बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी से नाता तोड़ने का फैसला किया. बीजेपी ने उन्हें समर्थन दिया और दोनों की सरकार बनी.
ममता बनर्जी से प्रशांत किशोर की मुलाकात पर क्या बोले नीतीश
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर की मुलाकात के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "कोई पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ काम नहीं कर सकता. अब वह बंगाल में क्या करेंगे, वह खुद बताएंगे. खुद ही सोच लेंगे, निर्णय लेंगे." उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उनके अन्य दलों के लिए काम करने से मीडिया में भ्रम की स्थिति बन रही है.
इससे पूर्व नीतीश ने पार्टी की सदस्यता अभियान की शुरुआत की. उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जेडीयू से जोड़ने की अपील की. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और नीतीश कुमार ने अपने-अपने मतदान केंद्र के 25-25 मतदाताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई. मोदी कैबिनेट में जगह नहीं होने के फैसले पर पूछे जाने पर नीतीश ने एकबार फिर कहा कि बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत की सरकार है और सरकार में शामिल होना कोई जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा, "हम पूरी मजबूती के साथ एनडीए के साथ हैं लेकिन सांकेतिक भागीदारी आज भी मंजूर नहीं है. अगले साल विधानसभा चुनाव है, जेडीयू और बीजेपी मिलकर काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. इसमें किसी को भ्रम में नहीं पड़ना चाहिए."




