
अब शहर जाने की जरूरत नही, गांव के सीएससी से भी मिलेगी पेंशन: रविशंकर प्रसाद

पटना : सरकार पेंशनधारियों के लिए खुशखबरी लाई है जिनको पेंशन के लिए शहर जाना पड़ता है।केंद्रीय कानून, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में डिजिटल क्रांति के तहत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोले जा रहे हैं.
इनके माध्यम से पासपोर्ट, फसल बीमा, आयुष्मान भारत समेत अन्य योजनाओं के लिए आवेदन करने के अलावा बैंकिंग क्रॉसपॉडेंस, फसल बीमा समेत अन्य सेवाओं का लाभ तो लिया ही जाता है, अब पेंशन की सुविधा भी इससे मिलेगी. सुदूर गांव के लोगों को पेंशन लेने के लिए शहर नहीं आना पड़ेगा. कुछ स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू किया गया है. अब इसका विस्तार किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री सोमवार को शहर के विद्यापति भवन में सातवीं आर्थिक गणना के दूसरे चरण के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
इसके तहत सात जिलों पटना, गया, रोहतास, बक्सर, जहानाबाद, मुंगेर और लखीसराय में असंगठित क्षेत्रों की मैपिंग या गणना की जायेगी. पहले चरण की शुरुआत 10 जिलों में अगस्त महीने में की जा चुकी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किन गांवों में मधुबनी पेंटिंग होती है, कितने गांवों में सीप से बटन बनाये जाते हैं, बुनाई और हस्त चलित उद्योग कितने चल रहे, इसका पूरा डाटा तैयार होगा. इसके आधार पर सरकारी योजनाएं तैयार होंगी. सरकारी नीति बनाने में आसानी होगी. मंत्री ने कहा कि देश के एक लाख गांव को डिजिटल या डिजि गांव बनाने का लक्ष्य है.
ढाई लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा रहा, जिससे इनमें वाइ-फाइ मुहैया करायी जा सके. सीएससी की मदद से आम लोगों को लीगल सुझाव, ऑनलाइन कोचिंग भी कंप्यूटर पर उपलब्ध कराने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि देश को डिजिटल साक्षर बनाने में सीएससी का योगदान अहम है. अब तक दो करोड़ लोगों को डिजिटल साक्षर किया जा चुका है. डिजिटल आंदोलन तभी सफल होगा, जब यह जन आंदोलन बनेगा.
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की संख्या आज बढ़कर 20 हजार हो चुकी है, जिसमें साढ़े आठ हजार तकनीकी स्टार्टअप हैं. इस कार्यक्रम को कुम्हरार विधायक अरुण कुमार सिन्हा, अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशक राजेश्वर प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान की उपनिदेशक एन संगीता, संतोष तिवारी समेत अन्य ने भी संबोधित किया।




