पटना

एक जिले के 96 शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश

Shiv Kumar Mishra
19 March 2023 4:59 AM GMT
एक जिले के 96 शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश
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जिले के कुल 96 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इस घोषणा से दूसरे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।

बिहार सरकार ने पंचायत शिक्षकों के प्रति अब कड़ा रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। इसके तहत जिन शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है या वे परीक्षा में असफल रहे हैं उनको हटाने की प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है। जिले के कुल 96 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इस घोषणा दूसरे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी जिले के 96 नियोजित शिक्षकों ने किसी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं ली है।

दरअसल, पटना हाईकोर्ट में अताउर रहमान बनाम राज्य सरकार और अन्य के बीच चल रहे मामले में पारित आदेश के आलोक में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 5 जनवरी को ही इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया था। इस पत्र के आलोक में ऐसे शिक्षक, जो 19 अक्टूबर 2022 तक किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त करने में असफल रहे हैं, या परीक्षा ही नहीं दी है, उन्हें नियोजन इकाई द्वारा नियमानुसार विधिवत प्रक्रिया का पालन करते हुए सेवा समाप्त करने का निर्देश जारी किया है। इसी को लेकर अररिया जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार ने भी आदेश दिया‌।

किस प्रखंड के कितने शिक्षक

सेवा समाप्ति की सूची में सबसे अधिक अररिया प्रखंड के 26 और पलासी प्रखंड के 22 शिक्षक शामिल हैं। भरगामा प्रखंड में शकुंतला देवी, मनोज कुमार पटवे, मो सऊद आलम, किरण कुमारी, प्रियंका कुमारी, सरोज सुमन, अंजू कुमारी और बिपिन कुमार मिश्रा, नरपतगंज प्रखंड के शिक्षक शादाब अनवर, नारायण हांसदा और सालेह खातून, कुर्साकांटा प्रखंड के चंद्रदेव यादव, कला देवी, बीबी रूबी खातून, मो शादाब हैदर, कल्पना कुमारी और इंद्रकला देवी, फारबिसगंज प्रखंड के राहुल रंजन, रंजना देवी, संजीव कुमार, फरहत नाज, नीतू कुमारी, बीबी शाहीन, डोमन मंडल, नगमा प्रवीण और जफर आलम, सिकटी प्रखंड की मुन्नी देवी और मीना देवी, जोकीहाट प्रखंड की नुसरत जहाँ, शकीरा बेगम, गुफराना नुदारर्त, सफ़क़त आरा, गयासुद्दीन, नगमा अख्तर, पिंकी देवी, अरशद अख्तर, नसीब लाल शर्मा, कय्यूम केशर, रोबिना फरहत, विक्टर, अजय कुमार,आमना खातून, मो जहूर आलम और मो तारिक अनवर को हटाने का आदेश हुआ है।

इसी तरह, रानीगंज प्रखंड से राजकुमार मिश्रा, सुनील कुमार मंडल और मो शमशीर आलम, पलासी प्रखंड के राजेश कुमार, कपिल कुमार मंडल, सुरेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार मंडल, हरेराम मण्डल, ओमप्रकाश मंडल, मो वारिस, अमरनाथ दास, अरुण कुमार यादव, मनोज कुमार मण्डल, अवधेश कुमार सरदार, खजेश पासवान, इकबाल हुसैन, बीबी निकहत बानो, बीबी रुबेदा खातून, रीता कुमारी, सीमा कुमारी, रजनीकांत झा, गुंजा कुमारी, सुरेश प्रसाद विश्वास, बीबी वाजदा तबस्सुम और सेमी लाडली को हटाया जाएगा।

अररिया प्रखंड के मनीष सिंह, राजू कुमार दास, प्रियंका, प्रेमलता झा, इंदु ठाकुर, रुबीना तबस्सुम, बीबी शमा शाहिद, मुसर्रत शाहीन, रामचंद्र यादव, मंजू देवी, प्रदुमन विश्वास, बीबी वहीदा तबस्सुम, मो वसीकुर रहमान, मो वकार आलम, मो फैजान तबरेजी, बीबी शमीमा खातून, विनोद कुमार राम, शहबाज रेजा, बीबी वहीदा रहमानी, देवचन्द्र कुमार पासवान, बीबी शबनम आरा, खुशबू कुमारी, नौसुबा मासूम, शवाल अहमद, मो उमर शाकिर, तारिक जावेद और बीबी मरियम की सेवा खत्म करने का आदेश हुआ है।

क्या कहता है शिक्षक संघ

शिक्षक संघ ने बताया कि डबल बेंच में मामले की सुनवाई विचाराधीन है, इसलिए डीईओ का पत्र असंवैधानिक है। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने डीईओ द्वारा जारी पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय पटना में उक्त फैसले के विरुद्ध सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों ने पटना हाईकोर्ट में डबल बेंच में अपील दायर की है‌। बिना अपील फैसला आये बिना अप्रशिक्षित शिक्षकों को हटाने का आदेश देना असंवैधानिक है। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी अररिया द्वारा जारी पत्र को निरस्त करने के लिए पटना उच्च न्यायालय के संज्ञान में इसे लाया जाएगा।

वहीं, बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद जाफर रहमानी ने बताया, "हम लोगों को पहले से ही एहसास था कि शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों पर कोई बड़ी कार्रवाई कर सकता है। बीते 15 मार्च को हम लोगों का पटना में धरना प्रदर्शन था, उसी दौरान हम लोग बिहार के शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के निदेशक से मिलकर इस संबंध में बात भी की थी कि कई ऐसे शिक्षक हैं, जो निजी कारण या किसी दूसरे कारणवश परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए या या उनका एक पेपर खराब हो गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "इनमें कई महिला शिक्षिका भी शामिल हैं। ऐसे शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई की जा रही है। इसलिए इस मामले को निजी तौर पर विभाग को देखने की जरूरत है ताकि इतने बड़े पैमाने पर शिक्षकों के साथ किसी तरह की परेशानी सामने ना आए।" जाफर रहमानी ने बताया कि इस पर शिक्षा मंत्री ने भी आश्वासन दिया कि हम लोग एक बार पुनः इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करेंगे।

जिलाध्यक्ष जाकर रहमानी ने कहा कि हम लोग इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से मिलकर उन शिक्षकों को दोबारा बहाल करने या उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका दिए जाने को लेकर अनुरोध करेंगे।

साभार मैनमीडिया

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