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शराबबंदी कानून के तहत दर्ज सवा लाख केस से बिहार का ज्यूडिशियल सिस्टम गड़बड़ा गया है. छोटे-मोटे केस में भी जेल भेजे जाने से नौजवान अपराधियों के संगत में आ रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. अभी उनके काफिले पर हमले के बाद शराब बंदी के मामले में पटना उच्च न्यायालय ने उनको एक और झटका दे दिया. इससे पुलिस ही नहीं सरकार की साख पर भी सवाल खड़े हो जाते है.
शराबबंदी कानून के तहत दर्ज सवा लाख केस से बिहार का ज्यूडिशियल सिस्टम गड़बड़ा गया है. छोटे-मोटे केस में भी जेल भेजे जाने से नौजवान अपराधियों के संगत में आ रहे हैं. यह समाज के लिए ठीक नहीं है. पटना उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी शराबबंदी के मामले की सुनवाई के दौरान की. न्यायालय ने आस्ट्रेलिया से चलकर भारत के रास्ते नेपाल के काठमांडू जा रही शराब से लदी गाडी को बिहार के नवादा जिले में पकड़े जाने के मामले में सुनवाई की.
न्यायालय का कहना था कि नए एक्साइज कानून के तहत करीब सवा लाख केस विभिन्न न्यायालयों में लंबित है. इन मुकदमों के कारण ज्यूडिशियल सिस्टम पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. इसलिए अधिकारियों को प्रैक्टिकल अप्रोच के साथ काम करना चाहिए. सख्त होने से काम नहीं चलेगा. लोगों को जागरूक करने के बाद कार्रवाई करनी चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि बिहार पुलिस ने कैसे शराब से लदी गाडी पकड़ कर रखी हुई है जबकि बरामद कागजात से स्पष्ट है कि ऑस्ट्रेलिया से भारत के रास्ते नेपाल के काठमांडू जाने वाली शराब समुद्र के रास्ते कोलकता आई. वहां से गाडी शराब लोड कर नेपाल के काठमांडू ले जायी जा रही थी. नवादा पुलिस ने उस गाडी को पकड़ लिया.
कोर्ट का कहना था कि शराब से लदी गाडी को बिहार से नेपाल बॉर्डर तक पुलिस को अपने संरक्षण में पहुंचाना चाहिए था. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश देते हुए कहा कि मंगलवार तक गाडी को कैसे बिहार के बाहर ले जायेंगे, इसकी पूरी जानकारी दें. ग्लोबल ट्रेडिंग कंपनी की अर्जी पर मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन तथा न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनवाई की.
आवेदक के वकील निखिल कुमार अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि शराब से लदी गाड़ी बिहार के रास्ते जा रही है इसकी जानकारी पुलिस को कैसे मिली, इसका खुलासा पुलिस ने नहीं किया है. कोलकाता से नेपाल जाने के लिए बिहार के रास्ते से ही जाना है. नवादा के काशीचक थाना क्षेत्र में मई, 2017 में गाडी जब्त की गई थी. इस मामले में कोर्ट ने सख्ती दिखाई है और आगे भी बिहार पुलिस और सरकार को चेतावनी दी है.
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