
Archived
पटना की 'दीन बचाओ देश बचाओ' नहीं, बीजेपी बचाओ रैली थी, खुलासा रैली के कर्ताधर्ता बना एनडीए से एमएलसी
शिव कुमार मिश्र
17 April 2018 7:50 PM IST

x
बिहार में दीन बचाओ देश बचाओ रैली एनडीए समर्थित निकली आखिर ये समझ में नहीं आ रहा है कि बीजेपी कर क्या रही देश के वोटरों के साथ.
पटना में आयोजित दीन बचाओ-देश बचाओ कान्फ्रेंस करने वाले अगुवा मुस्लिम धर्मगुरुओं के तार एनडीए से जुड़े हुए निकल रहे है.इस रैली के संयोजक खालिद अनवर ने दीन बचाओ देश बचाओ के नाम से आयोजित रैली में मोदी पर जमकर हमले किये लेकिन महज़ कुछ घंटो के बाद खालिद अनवर को जनता दल यूनाइटेड ने अपना एमएलसी प्रत्याशी बना दिया.इस तरह के घटनाक्रम के बाद बिहार,उड़ीसा और झारखण्ड के सबसे ज्यादा प्रभावी माने जाने वाले इस्लामिक संघठन 'इमारत ए शरिया' की प्रतिष्ठा को भी तार तार कर दिया है.
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 15 अप्रैल को आयोजित दिन बचाओ-देश बचाओ कान्फ्रेंस में मुस्लिम समुदाय की बड़ी भीड़ धर्म गुरुओं को सुनने आई. कांन्फ्रेंस के मुख्य वक्ता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना वली रहमानी के करीबी माने जाने वाले खालिद अनवर को अचानक एमएलसी का टिकट मिलने की बात ने कान्फ्रेंस पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.
ऑल इंडिया मुस्लिम मोर्चा के महासचिव महमूद आलम ने कहा, मौलाना वली रहमानी ने लाखों मुसलमानों की भीड़ को बेच कर अपने चहेते खालिद अनवर को एमएलसी बनवाने का काम किया है. खालिद अनवर वही शख्स हैं, जिन्होंने पटना के संदलपुर कब्रिस्तान की जमीन (वक्फ संख्या 2048) पर 'हमारा समाज' अखबार की इमारत खड़ी की हुई है." महमूद आलम ने कहा कि यह रैली
इमारते शरिया के महासचिव मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी का कहना है कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है.उन्होंने कहा, "लोगों को समझना चाहिए कि कान्फ्रेंस होते ही इसकी बरकत शुरु हो गईऔर इसी बरकत से एक मुसलमान को एमएलसी का टिकट मिला है.यह कार्यक्रम इसीलिए ही हुआ था कि संविधान ने जो हक मुसलमानों को दिया है, वह मिलना चाहिए.इस बात को दूसरे अंदाज में नहीं लेना चाहिए." उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि मीडिया इस बात को क्यों तूल दे रहा है.
नीतीश को सेक्युलर बनाने का हुआ खेल इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजनैतिक विश्लेषक मनीष मिश्रा का कहना है कि बिहार में हुए दंगे के बाद नीतीश की सेक्युलर छवि बिलकुल नस्ट हो गयी लेकिन नीतीश के इस दाव से प्रतीकात्मक ही सही लेकिन वो उसे दुबारा स्थापित करने में सफल हो सकते है.ऐसा लग रहा है कि नीतीश खालिद अनवर से भाजपा और मोदी पर प्रहार करवाते रहेंगे जिससे मुस्लिमो में सन्देश जाए.
मिश्रा के अनुसार,मुस्लिम समुदाय में राजद को इस बार जबरदस्त समर्थन लेकिन इसके बाद भी किसी समुदाय में एक ऐसा वर्ग होता है जो गुटबाजी या किसी और वजह से किसी समुदाय के एक गुट के एक पार्टी में होने पर दूसरा गुट किसी दूसरी पार्टी में चला जाता है.नीतीश कुमार की मुस्लिम समुदाय के इसी गुटबाजी में खेल करने की कोशिश करने की है जिसका फायदा बड़े रूप में भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को होगा.
Next Story




