
पुलिस नहीं समझ सकी अंग्रेजी, कोर्ट ऑर्डर को अरेस्ट वारंट समझ युवक को किया गिरफ्तार

पटना: यह मामला बिहार के जहानाबाद जिले का है, जहां पुलिस ने एक बेकसूर को न केवल गिरफ्तार किया, बल्कि उसे कोर्ट के कटघरे तक पहुंचा डाला.
बिहार पुलिस की काम करने व अंग्रेजी ज्ञान पर सवाल खड़े होने लगे हैं. अंग्रेजी के अल्पज्ञान की ऐसी बानगी दिखी कि पुलिस ने पूरे मामले को ही दूसरा रूप दे दिया और कोर्ट के ऑर्डर को अरेस्ट वारंट समझ बैठी. बिहार की जहानाबाद पुलिस ने अंग्रेजी में लिखे कोर्ट के आदेश को गिरफ्तारी वारंट समझ लिया. दरअसल यह मामला बिहार के जहानाबाद जिले का है, जहां पुलिस ने एक बेकसूर को न केवल गिरफ्तार किया बल्कि उसे कोर्ट के कटघरे तक पहुंचा डाला.
जिले के मखदुमपुर बाज़ार के रहने वाले व्यवसायी नीरज कुमार को पुलिस की नासमझी के कारण एक रात हवालात में गुज़ारनी पड़ी. पीड़ित ने बताया कि पूरी रात हवालात में काटने के बाद सुबह होते ही उन्हें हथकड़ी पहनकर पटना स्थित फैमिली कोर्ट में हाज़िर होना पड़ा.
नीरज कुमार ने बताया कि उनका अपनी पत्नी से पिछले छह वर्षों से विवाद चल रहा है. उसी के जीवनयापन भत्ता के लिए कोर्ट से उनकी संपत्ति के विवरण के लिए स्थानीय थाना में वारंट आया था, जिसे वहां तैनात अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने गिरफ्तारी वारंट समझ लिया और पच्चीस नवंबर को दुकान पर आकर गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान नीरज लाख मिन्नत करते रहे, लेकिन इसके बावजूद पुलिसवालों ने एक न सुनी और गिरफ्तारी के बाद हथकड़ी लगा कर नीरज को हवालात में डाल दिया. वो तो भला हो कोर्ट का, जिसने पुलिस की इस कार्यशैली को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गिरफ्तार युवक को तत्काल रिहाई का आदेश दिया.
इस संबंध में पुलिस के अधिकारी एएसपी पंकज कुमार ने बताया कि गिराफ्तार युवक की संपत्ति जांच करने का वारंट आया था, परंतु उसकी गिरफ्तारी कैसे हुई यह जांच का विषय है और जल्द ही जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.




