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आज पटना में पीएम रे रसिया, मनबसिया....होली है!! अंजाम जो भी हो, आगाज़ सुस्त!
विमलेन्दु सिंह
पटना (बिहार): सल्तनत ए हिन्द के सुलतान पीएम मोदी आज पटना में होंगे। चुनावी रैली है। संकल्प रैली। वायदे दुहराये जाएंगे। उपलब्धियों का बखान होगा। विपक्ष पर तंज होगा। घोषणाओं की झड़ी लगेगी। यह तो प्रत्येक रैली का एजेंडा होता है। दल कोई भी हो। राजनेता चाहे जो हों।आज भी ऐसा ही कुछ होगा। अलबत्ता, तैयारी में कोई कमी नहीं है। पूरी ताकत झोंकी जा रही है।
कुछ सप्ताह पहले पटना में राहुल गांधी की रैली हुई थी। रविवार का दिन था। बरौनी हाजीपुर रेलखंड पर ट्रेन हादसा हुआ था। वह रैली फ्लॉप रही थी। ट्रेन दुर्घटना के कारण मीडिया का एटेंशन भी डायवर्ट हो गया था। कहा तो यह भी गया कि अघोषित सेंसर ही उसे मानिये। आज पीएम की रैली में पब्लिक का जो स्वतःस्फूर्त रेस्पॉन्स नज़र आना चाहिए था, गायब है। वजह चाहे जो भी हो।
भीड़ को अगर एक पैमाना माना जाए, तो यह उत्साह जगाती प्रतीत नहीं हो रही है। पब्लिक की इस उदासीनता के कई निहितार्थ हैं। इसे उनकी एक मौन प्रतिक्रिया के तौर पर भी देखा जाना चाहिए। बाकी प्रायोजित सपोर्टर तो प्रत्येक रैली में आते रहे हैं, इसमें भी नज़र आएंगे। देर सुबह स्थिति बदल सकती है। क्योंकि कितनी बसें कहाँ से चली हैं इसका कोई सैटेलाइट पिक्चर एवलेवल नहीं है।
राहुल गांधी की रैली से अगर अनन्त सिंह के योगदान को माइनस कर दिया जाए तो वह छोटे शहरों में होने वाली छोटी मोटी रैलियों से ज्यादा कुछ नहीं थी। उस रैली में सारी शक्ति पोस्टर बैनर में धकेल दी गई थी। आज की पीएम की रैली में भी बस यही नज़र आ रहा है।
पूरा पटना पोस्टर से अटा पड़ा है। हर निवेदक आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के संभावित प्रत्याशी हैं। वैसे आज मंच के ज्वालामुखी से देशभक्ति का लावा निकलेगा। तो दावों और आश्वासनों के मैग्मा से अभिभूत हो जाने के लिए तैयार रहिए। 'ऐ मेरे वतन के लोगों' से भावुक होने और 'यह देश है वीर जवानों का' की धुन पर अपने देशभक्ति के टेम्परेचर को बूस्ट अप करने के लिए अपनी धोती का फाड़ा कस लीजिये।
और हाँ, सभी रैलियों में सेंटर ऑफ अट्रैक्शन तो नेताओं के आवास में हवाओं में तैर रही पकवानों की खुशबू ही होती है। इसमें भी है। जम कर जिमिये और जय हिंद के जवाब में ज़िंदाबाद का नारा बुलंद कीजिये। जय हो।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार है