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बिहार की राज्यसभा में छह सीटों के लिए बने ये उम्मीदवार, राजद , जदयू और कांग्रेस से इन्हें मिलेगी हरी झंडी
शिव कुमार मिश्र
11 March 2018 11:33 AM IST

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क्या जदयू अपने हिस्से की दोनों सीटों पर सवर्ण उम्मीदवार को ही भेजेगा?
बिहार से राज्यसभा में छह सदस्य राज्यसभा जायेंगे। राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए राजनीतिक दलों में सरगर्मी बढ़ी हुई है। जदयू, राजद और कांग्रेस अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह माना जा रहा है राजद, जदयू और कांग्रेस कैंडिडेट का नाम रविवार की रात तक सामने आ जाएगा। राज्यसभा की छह सीटों के लिए 12 मार्च तक नामांकन होना है। रविशंकर उसी दिन पर्चा दाखिल करेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजद से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ का भी नाम चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपने लिए उम्मीद थी, लेकिन लगता नहीं कि उनकी बात बन पाएगी। शिवानंद तिवारी भी संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल हैं। जदयू से उर्फ किंग महेंद्र, अनिल सहनी और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की सीट खाली हो रही है।
मामला यह फंस रहा है कि क्या जदयू अपने हिस्से की दोनों सीटों पर सवर्ण उम्मीदवार को ही भेजेगा? पहले केसी त्यागी भी चर्चा में थे, लेकिन अब वे रेस से बाहर माने जा रहे हैं। जेडीयू की लिस्ट में एमएलसी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी का नाम भी तेजी से उभरा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंतिम दो नामों को जल्द तय करेंगे। कांग्रेस कैंडिडेटके लिए लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के नाम पर ही चर्चा है।
राज्यसभा की जो सीटें खाली हो रही हैं उनमें जदयू की चार और बीजेपी की दो सीटें हैं। विधानसभा की ताजा दलगत स्थिति के लिहाज से जदयू को दो और बीजेपी को 1 सीट का नुकसान होगा। वहीं आरजेडी को दो सीटों का फायदा होगा। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छठी सीट पर चुनाव कराने को तैयार नहीं हुए तो कांग्रेस का उम्मीदवार आराम से राज्यसभा पहुंच जाएगा।
विधानसभा में राजद के विधायक 79 हैं। जेडीयू के 70 और बीजेपी के 52 विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस 27, लोजपा 2, रालोसपा 3, हम 1, माले 3 और निर्दलीय 4 विधायक हैं। राजद के पास दो सीट के बाद 9 सरप्लस वोट हैं। कांग्रेस के 27 सदस्यों के साथ मिलकर 36 हो जाते हैं। एक-एक वोट हम और निर्दलीय का भी उनके साथ रहेगा। ऐसे में छठी सीट उसे आसानी से मिल सकती है। बशर्ते उम्मीदवार कांग्रेस का रहे। जेडीयू की दो सीटों के बाद एक वोट सरप्लस होगा। जबकि, बीजेपी के पास एक सीट के बाद 17 वोट बचते हैं। लोजपा और रालोसपा के दो-दो विधायकों के अलावा तीन निर्दलीय भी एनडीए के साथ हैं।
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