
बिहार में मचा चुनाव प्रचार का हाहाकार, उमड़ी भीड़ से सब पर तेजस्वी भारी

बिहार विधानसभा चुनाव अब धीरे धीरे पुरे जोश पर आ चुका है. जहां सर्वे में नितीश कुमार को बढत बताई जा रही है तो वहीँ तेजस्वी की सभा में उमड़ी भीड़ अब कुछ और वयाँ कर रही है. इसके चलते आज नितीश कुमार की सभा में लालूप्रसाद जिंदाबाद के नारे लगने लगे जिससे नीतीश बौखला गए और बोले आप मुझे वोट दो न दो लेकिन मेरी सभा में नारेवाजी मत करिये लेकिन भीड़ कहाँ मानने वाली थी.
उधर तेजस्वी यादव की सभा में उमड़ी भीड़ ने सर्वे पर सवाल कर दिए है. उनकी और जिस तरह से अब भीड़ देख रही है उससे नीतीश कुमार समेत सभी बीजेपी के बड़े नेता हैरान है. हालांकि पिछले चुनाव में पल्टूराम के नाम से मशहूर नीतीश कुमार ने लालूप्रसाद के साथ मिलकर सत्ता हथिया तो ली थी लेकिन जिस तरह से धोखा दिया था उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. अब उस धोखा का बदला भी जनता लेने के लिए तैयार है उधर सुशांत सिंह राजपूत केस को मुद्दा बनाकर डीजीपी गुतेश्वर पाण्डेय ने जो खेल खेला उससे भी पर्दा पूरी तरह से हट चुका है.
अब बिहार के जनता एक बार फिर से अपने मताधिकार का प्रयोग करके नई सरकार को चुनेगी. हालांकि मत अपना अपना गुप्त मत होता है. अभी कुछ भी कहना मुश्किल होगा लेकिन बिहार में अब तेजस्वी सब पर भारी है. अब नीतीश कुमार और बीजेपी नेताओं का बौखलना भी जरूरी है. अभी पहले चरण के चुनाव का मतदान होने वाला है. उधर तीसरे चरण के पर्चे दाखिल हो रहे है. जबकि दुसरे चरण के पर्चे जांचे जा रहे है.
बिहार के चुनाव में पप्पू यादव और उपेंद्र कुशवाहा शायद इस बार भी अपनी उपस्तिथि दर्ज नहीं करा पायेंगे जबकि माझीं की नाव भी अब हिचकोले लेती नजर आ रही है. मांझी के बारे में कहा जा सकता है कि उनकी किस्मत ने अभी तक किसी चुनाव में साथ नहीं दिया है. इस बार किस करवट उनका ऊंट बैठेगा कहा नहीं जा सकता. जबकि चिराग पासवान का यह पहला चुनाव है जिसमें वो अपने पिताजी रामविलास पासवान के बिना चुनाव मैदान में उतरे है. वो भी तब जब उनके पिता की मौत को अभी पन्द्रह दिन भी नहीं हुए है.
बसपा और ओवेसी मिलकर चुनाव लड रहे है. देखते है अब चुनाव किस और जायेगा कहा नहीं जा सकता है.




