

कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता शकील अहमद को पार्टी से निकाल दिया है. कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाला है. शकील अहमद मधुबनी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. क्योंकि बिहार में ये सीट महागठबंधन को चली गई और उन्हें टिकट नहीं मिला था.
बिहार की मधुबनी सीट महागठबंधन की हिस्सेदारी का सिरदर्द बन गई है. राष्ट्रीय जनता दल के नेता अली अशरफ फातमी के बाद अब कांग्रेस नेता शकील अहमद ने भी अपने दम पर महागठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. शकील अहमद ने कहा है कि वो 16 अप्रैल को मधुबनी लोकसभा सीट से नामांकन भरेंगे.
महागठबंधन फॉर्मूले के तहत मधुबनी लोकसभा सीट विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के खाते में गई है. जिसके बाद आरजेडी से टिकट की उम्मीद लगा रहे अली अशरफ फातमी ने इसी सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इस सीट से सांसद रहे शकील अहमद भी सीट बंटवारे के बाद से ही पार्टी नेतृत्व से बातचीत कर किसी समाधान की कोशिश कर रहे थे. लेकिन अब जबकि नामांकन में बेहद कम वक्त बचा है तो शकील अहमद ने नामांकन का ऐलान कर दिया है.
इस संबंध में शकील अहमद ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वो 16 अप्रैल को नामांकन दायर करेंगे. इस दौरान शकील अहमद के साथ कांग्रेस विधायक भावना झा और कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी रहे शब्बीर अहमद भी मौजूद रहे. शकील अहमद ने कहा कि वो नामांकन भरने के बाद 18 अप्रैल तक कांग्रेस के सिंबल का इंतजार करेंगे. इस घोषणा के साथ ही शकील अहमद ने कांग्रेस पार्टी को अल्टीमेटम भी दे दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी सिंबल नहीं देती है तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.
शकील अहमद ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस के चिन्ह के लिए आग्रह किया है और राहुल गांधी से भी उनकी बात हुई है. साथ ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से भी शकील अहमद ने चर्चा की बात कही है. उन्होंने कहा, 'मैंने आग्रह किया है कि जिस तरह से चतरा में हमारे उम्मीदवार के खिलाफ राजद ने दोस्ताना मुकाबले के रूप में अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. उसी तरह से मधुबनी में मुझे पार्टी का चिन्ह देकर दोस्ताना मुकाबले में उतरने की अनुमति दी जाए '.
उन्होंने कहा कि दूसरा सुपौल का भी उदाहरण है जहां कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन के खिलाफ राजद ने एक निर्दलीय का समर्थन किया है, उसी तरह से मुझे निर्दलीय के रूप में कांग्रेस समर्थन दे सकती है.
गौरतलब है कि इस बार महागठबंधन के घटक दलों में से एक विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मधुबनी सीट मिली है. वीआईपी ने बद्री पुर्बे को मधुबनी से अपना उम्मीदवार बनाया है. पूर्वे का मुकाबला भाजपा ने दिग्गज सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव से है. शकील अहमद 1998 और 2004 में में मधुबनी सीट से लोकसभा सदस्य रहे थे . वे 1985, 1990 और 2000 में विधायक चुने गए थे. शकील ने राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया तथा 2004 में केंद्र में सत्तासीन रहे मनमोहन सिंह की सरकार में संचार, आईटी और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे थे.




