

बिहार में भागलपुर मामले को लेकर ववाल मचा हुआ है. इस मामले में केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के पुत्र समेत कई लोंगों के गिरफ्तारी वारंट जारी किये जा चुके है. लेकिन बीजेपी समर्थित जदयू सरकार क्यों गिरफ्तार करने में हिचक रही है. जिस तरह से सीएम नीतीश कुमार फिर अकेले पड़ते नजर आ रहे है. जबकि पिछली सरकार में हर परेशानी के समय लालूप्रसाद साथ खड़े नजर आये.
इस मामले पर राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के दंगा आरोपित बेटे ने नीतीश कुमार की क़ानून व्यवस्था को एकदम नंगा कर दिया है. एक तरफ़ नीतीश सरकार उसके ख़िलाफ वारंट निकलवा रही है दूसरी तरफ वह पटना में खुलेआम तलवार हाथों में लिए घूम रहा है और नीतीश के क़ानून के राज को ज़ोरदार लात मार रहा है. क्या यही नैतिकता की दुहाई देने वाले सुशासन बाबू का नारा था. आप तो अपराधी को खुला घुमने ही नहीं डोगे चाहे वो कितना ही ताकतवर हो यह आपके ही शब्द है मेरे नहीं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के ढोंगी व पाखण्डी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के दंगाई सुपुत्र पर दिखावटी 'अरेस्ट वारंट' निकाल रखा है लेकिन वह पटना में मुख्यमंत्री आवास के बग़ल में ही भारतीय जनता पार्टी विधायकों की मौजूदगी में तलवार थामे फेसबुक लाइव कर रहा था. जबकि सरकार गिरफ्तार नहीं कर पा रही क्यों?
बता दें कि इस घटना पर केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने कहा कि मेरा पुत्र कोई आरोपी नहीं है. न ही गिरफ्तार किया जा सकता है. इस बात का आशय क्या लगाया जाना चाहिए.
कितनी दोगली है नीतीश सरकार? जी हाँ, दोगली!




