
जिस आईएएस अधिकारी की पटना पुलिस तलाश रही है, वो अधिकारी केंद्रीय मंत्री से ले रहे है पुरस्कार

शिवानन्द गिरी / राजू
पटना : है ना कमाल की बात है बिहार पुलिस जिस को खोज रही है वो शख्स दिल्ली में पुरस्कार ले रहा है. आपको यह अजीब बात जरुर लगेगी लेकिन ये सच है. राज्य सरकार जिस आइएएस अधिकारी एसएम राजू को भ्रष्टाचार के आरोप में तलाश रही है, वह बड़े आराम से नयी दिल्ली के एक पांच सितारा होटल ताज में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलहस्ते से पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं. उन्हें 'भारत गौरव अवार्ड' से सम्मानित किया गया है.
उन्होंने बकायदा इस समारोह का फोटो अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट करते हुए इसके नीचे इसकी पूरी जानकारी भी लिखी है. फेसबुक पर दी गयी जानकारी के मुताबिक उन्हें 29 अगस्त को यह अवार्ड मिला, जबकि उन्होंने इसका फोटो 31 अगस्त की दोपहर को पोस्ट किया. फोटो में एसएम राजू रंगीन पगड़ी पहनकर केंद्रीय राज्यमंत्री से पुरस्कार ले रहे हैं. उनके अगल-बगल अन्य लोग भी मौजूद हैं.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि यह अवार्ड किसी एनजीओ या निजी संस्थान की तरफ से दिया गया है या सरकारी महकमे की तरफ से. मौजूदा सभी फोटो और जानकारी को खंगालने पर यह किसी संस्थान की तरफ से दिया जाने वाला ही अवार्ड लग रहा है. फेसबुक पर मौजूद उनकी इस तस्वीर को 139 लोगों ने लाइक किया है और बधाई भी दी है. आइएएस राजू के अपने फेसबुक अकाउंट के स्टेट्स में स्वयं को बिहार में तैनात प्रधान सचिव रैंक का अधिकारी बताया है और लोकेशन में पटना और बेंगलुरु दोनों बता रखा है.
एसएम राजू ने फेसबुक पर खुद फोटो पोस्ट कर इस बारे में दी जानकारी चल रही विभागीय जांच भी वर्तमान में राज्य सरकार ने एसएम राजू को निलंबित कर दिया है. 2013-14 में जब वह अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के सचिव थे, तो एससी-एसटी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में करोड़ों का घोटाला हुआ था. इसका खुलासा मई, 2016 में होने के बाद निगरानी ने जांच शुरू की. इसमें तत्कालीन विभागीय सचिव एसएम राजू समेत 15 लोगों पर एफआइआर दर्ज की गयी.
मामला दर्ज होने के बाद से ही आइएएस राजू लगातार अनुपस्थित चल रहे हैं. इस मामले में निगरानी ने पूछताछ करने के लिए उनके पते पर कई बार नोटिस भी भेजा, लेकिन वह लौट आया. सामान्य प्रशासन विभाग में भी उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है, जो अब अंतिम दौर में पहुंच गयी है. विभाग की तरफ से भी उन्हें कई बार नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है.




