पटना

बिहार में इस बार मामला बड़ा पेचीदा है, सबकुछ नहीं है उतना आसान

Shiv Kumar Mishra
25 Jan 2024 10:21 AM GMT
बिहार में इस बार मामला बड़ा पेचीदा है, सबकुछ नहीं है उतना आसान
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सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. इसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित कई मंत्री और अधिकारी शामिल हुए.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आज गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक (Nitish Cabinet Meeting) बुलाई थी. कैबिनेट की यह बैठक मात्र 25 मिनट तक चली. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बैठक में बैठक में शांत बैठे रहे. कोई खास बातचीत भी नहीं हुई. वहीं, कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग अचानक रद्द कर दी गई. सूचना जनसंपर्क विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि अपरिहार्य कारणों से मीडिया ब्रीफिंग रद्द की जाती है.

बिहार में इस बार मामला पेचीदा है। सबकुछ उतना आसानी से नहीं होगा

-मामला बस लोकसभा गठबंधन भर का नहीं रहेगा। राज्य सरकार के गठन का भी सवाल है

-पिछली बार की तरह इसबार दोनों खेमों के बीच गैप बहुत अधिक नहीं है। अगर नीतीश बीजेपी के साथ आते भी हैं तो।

-विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी से हैं। ऐसे में अगर जेडीयू के कुछ विधायक अगर हुए तो इसमें विधानसभा अध्ययक्ष की भूमिका अहम हो जाएगी

-नीतीश कुमार पावर ट्रांसफर सिर्फ सीएम टू सीएम ही करना चाहेंगे। अगर ऐसा होता है तो

-उधर भले नीतीश कुमार के साथ उम्र या गुडविल उतना नहीं है और डनहें कोई उपनाम दें दें लेकिन यह भी हकीकत है कि वह अभी भी बिहार की राजनीति में एक "उनार" फैक्टर है। उनाार मतलब कि वह इतनी ताकत जरूर रखते हैं कि जिधर वह रहते हैं उसमें एक साइड को फिनिशिंग लाइन से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। आरजेडी भी इसलिए अंतिम समय तक कोशिश करेगी कि वह नहीं जाएं। इसीलिए बीजेपी भी चाहेगी कि वह उनके साथ आएं।

-तेजस्वी यादव एक बार फिर फिर पोल पोजिशन में आ जाएंगे जहां मुमकिन है उन्हें इस बार रिवर्स सिंपैथी मिले। हाल में मिली सरकारी नौकरी का बड़ा श्रेय उन्हें मिला

-बीजेपी आज की तारीख तक मोदी फैक्टर के सहारे लोकसभा चुनाव में कंफर्ट जोन में है। लेकिन राज्य की राजनीति में अभी भी पार्टी नेतृत्व का आगे का रोडमैप स्पष्ट नहीं है। नीतीश जाते हैं तो ऐसे में राज्य कैडर कितना सहज रहेगी यह भी देखना होगा।

कुल मिलाकर बिहार की राजनीति अभी ब्लैक एंड व्हाइट नहीं है। ग्रे शेड में है। धुआं धआं सा है।

क्या सीएम नीतीश नाराज चल रहे हैं?

नीतीश कैबिनेट की बैठक सिर्फ 25 मिनट में खत्म हुई है. किसी भी एजेंडे पर मुहर लगी या नहीं यह भी साफ नहीं हो पा रहा है क्योंकि कैबिनेट बैठक के बाद एक चिट्ठी जारी होती है जिसमें सूचना दी जाती है कि किन एजेंडों पर मुहर लगी है, प्रेस वार्ता भी होती है. आज न चिट्टी जारी हुई और ना ही पीसी हुई. क्या सीएम नीतीश नाराज चल रहे हैं? क्या नीतीश बड़ा फैसला ले सकते हैं? ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं.

कैबिनेट के फैसले पर नहीं दी गई कोई जानकारी

बता दें कि कैबिनेट विभाग की तरफ से 22 जनवरी को जो पत्र जारी किया गया था उसमें 25 जनवरी की कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग के बारे में जानकारी दी गई थी. मुख्यमंत्री की कैबिनेट मीटिंग के फैसले के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस क्यों रद्द की गई, इस बारे में कोई पुख्ता वजह नहीं बताई गई है. इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. बता दें कि बिहार कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देने के लिए सरकार प्रेस कांफ्रेंस करती है. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा सरकार के लिए गए निर्णय की जानकारी मीडिया से साझा किया जाता है.


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