पटना

एक देश-एक निशान, एक चुनाव एक विधान की बात करने वाले पीएम एक देश-एक एमएसपी की बात क्यों नहीं करतेः रालोसपा

Shiv Kumar Mishra
22 Feb 2021 11:36 AM GMT
एक देश-एक निशान, एक चुनाव एक विधान की बात करने वाले पीएम एक देश-एक एमएसपी की बात क्यों नहीं करतेः रालोसपा
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पटना, 22 फरवरी. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री एक देश-एक विधान की बात करते हैं लेकिन किसानों के हितों को देखते हुए वे एक देश-एक एमएसपी की बात क्यों नहीं करते. रालोसपा के किसान चौपाल में पार्टी नेताओं ने कहा कि दरअसल केंद्र सरकार को किसानों की चिंता नहीं, कारपोरेट घरानों की चिंता कर रही है और पूंजीपतियों को हर तरह से फायदा पहुंचा रही है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक और प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को यह जानकारी दी. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक विनोद यादव, प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा, पार्टी के पूर्व प्रत्याशी कौशल सिंह, प्रदेश महासचिव संजय मेहता, वीरेंद्र प्रसाद दांगी, राजदेव सिंह, किसान प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव रामशरण कुशवाहा, कार्यालय प्रभारी अशोक कुशवाहा और प्रदेश सचिव राजेश सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे.

पार्टी नेताओं ने कहा कि देश आज किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद की जयंती मना रहा है. उन्हें याद करना आज ज्यादा प्रासंगिक है क्योंकि उन्होंने सालों पहले किसानों की हक-हकूक की आवाज उठाई थी और किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी. देश की सरकार किसानों को आज फिर उसी स्थिति में ला खड़ा करना चाहती है, जिसके खिलाफ स्वामी सहजानंद ने लड़ाई लड़ी थी. रालोसपा नेताओं ने कहा कि स्वामी सहजानंद ने तब नारा दिया था-जो अन्न वस्त्र उपजायेगा ,अब सो कानून बनाएगा , भारतवर्ष उसी का है, अब वही शासन चलाएगा लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अन्नदाताओं के बजाय चंदादाताओं की फिक्र कर रही है और उनके लिए कानून बना रही है.

रालोसपा नेताओं ने कहा कि सरकार, कृषि सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के नाम पर कृषि व्यवस्था को एग्रो-बिजनेस के क्षेत्र मे काम कर रही निजी कंपनियों के हवाले करने जा रही है. रालोसपा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स ऐक्ट (प्रमोशन एंड फेसिलिएशन), (एफपीटीसी) और एफएपीएएफएस (फार्मर एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्युरेंस एंड फार्म सर्विसेज कानून बना कर किसानों को बंधक बनाने की साजिश रची है. रालोसपा का किसान चौपाल 28 फरवरी तक चलेगी.

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