- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- मनोरंजन
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- मियां कल आना फिल्म...
मियां कल आना फिल्म हुयी वायरल , कैसे होता है हलाला, किया खुलासा
फिल्म एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी अब एक्टर से प्रोड्यूसर बन चुके हैं, और उनकी प्रोड्यूस की गई पहली शॉर्ट फिल्म दुनिया भर के 23 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स और दस पुरस्कार जीतने के बाद अब यूट्यूब पर वायरल हो रही है.
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बतौर प्रोड्यूसर फिल्म 'मियां कल आना' को 18 जनवरी को यूट्यूब पर रिलीज किया गया. फिल्म की कहानी मुस्लिम समाज में व्याप्त हलाला की प्रथा को निशाना बनाकर बनाई गई है, जिसमें इस प्रक्रिया से गुजरने वाले लोगों की व्यथा को पेश किया गया है.
फिल्म के डायरेक्टर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई शमास नवाब सिद्दीकी कहते हैं, "तीन तलाक के बाद की प्रक्रिया के दौरान मुस्लिम दंपती हलाला के तहत क्या-क्या झेलती है और इस प्रक्रिया के रूप में मुस्लिम औरत कितनी असहाय होकर सिर्फ एक वस्तु बनकर रह जाती है, फिल्म के माध्यम से इसी बात को दिखाने की कोशिश की गई है.
मियां कल आना की पृष्ठभूमि ग्रामीण होने के कारण मैंने हर तरह से इसको वहां के सांचे में ढालने की कोशिश की है. चाहे वो डायरेक्शन हो, कैमरा या कलाकारों की परफॉर्मेंस. सभी चीजों का आम जिंदगी के करीब रखने की कोशिश की गई है."