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'पद्मावती' की भौहें भी लोगों के लिए जिज्ञासा का विषय बन गईं, 1 दिसंबर को होगी 'पद्मावती' रिलीज़

मुंबई: संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' का पहला पोस्टर रिलीज़ हो चुका है और ये उम्मीद से ज़्यादा खूबसूरत है। फिल्म में दीपिका पादुकोण राजपूत महारानी 'पद्मावती' की भूमिका में हैं जो अलाउद्दीन खिलजी से अपनी जान बचाते हुए जौहर यानि कि आग में कूद कर बलिदान दे देती है। संजय लीला भंसाली की पौराणिक और लोकप्रिय कथा को राजस्थान की गलियों से उठाकर परदे पर पिरो चुके हैं।
फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज़ हो रही है और पहले पोस्टर ने ही उत्सुकता और उम्मीदें दोनों बढ़ा दी हैं। दीपिका पादुकोण की खूबसूरती के साथ ही पोस्टर में उनकी जुड़ी हुई भौहें भी लोगों के लिए जिज्ञासा का विषय बन गईं। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर क्यों दीपिका के इस लुक के लिए इन जुड़ी हुई भौंहों को चुना गया है। महिलाएं सुंदरता के लिए प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करती थीं और इसलिए भंसाली चाहते थे कि किरदार की इन मूल विशेषताओं को वैसा ही रखा जाए। इसलिए दीपिका पादुकोण ने इस फिल्म में बहुत कम मेकअप का इस्तेमाल किया है और उन्हें अपने किरदार के लिए तैयार होने में सिर्फ आधा घंटा ही लगता था।
देवी स्थापना के शुभ अवसर पर मिलिए रानी पद्मावती से #Padmavati @FilmPadmavati pic.twitter.com/hYJonZCEEH
— Deepika Padukone (@deepikapadukone) September 21, 2017
सारी उम्मीदें कुल मिलाकर संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' मूवी पर टिकी हुई हैं। और इस फिल्म से 350 - 400 करोड़ की कमाई की उम्मीद की जा रही है। ये मानते हुए कि 'पद्मावती' बॉलीवुड की बाहुबली बन सकती है।
कौन थी 'पद्मावती'
रानी पद्मिनी चित्तौड़ की रानी थीं। उनकी शादी चित्तौड़ के राजा रावल रतन सिंह के साथ हुई थी। महाकाव्य 'पद्मावत' के अनुसार रानी पद्मावती अप्रतिम सौंदर्य की धनी थीं। इतिहास से नाता रखनेवाले लोग 'पद्मावती' की कहानी से वाकिफ ही होंगे। सबसे पहले यह किरदार कवि मलिक मुहम्मद जायसी की वजह से 15-16वीं सदी में सुर्खियों में आया। उन्होंने अपने ग्रंथ 'पद्मावत' में पद्मावती की कहानी बयां की। वे सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की पुत्री थीं।
हर हाल में पाना चाहता था अलाउद्दीन खिलजी 'पद्मावती' को
एक दिन इनकी खूबसूरती पर दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी की नजर पड़ गई। अलाउद्दीन हर कीमत पर रानी पद्मिनी को हासिल करना चाहते थे। लिहाजा 1303 में पद्मावती को हासिल करने के लिए उन्होंने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। इस युद्ध में राजपूतों की हार हुई और राजा रावल रतन सिंह मारे गये। यु्द्ध में विजय हासिल करने के बाद अलाउद्दीन खिलजी जब महल में पहुंचा तो पाया कि रानी पद्मावती समेत राजपूत महिलाओं ने जौहर कर लिया था।