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फिल्म 'शादी में जरूर आना' में राजकुमार राव की जबरदस्त एक्ट‍िंग

Ekta singh
10 Nov 2017 12:08 PM IST
फिल्म शादी में जरूर आना में राजकुमार राव की जबरदस्त एक्ट‍िंग
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वहीं कृति की यह तीसरी बॉलीवुड फिल्म है इससे पहले वह 'राज रीबूट' और 'गेस्ट इन लंडन' में काम कर चुकी हैं.

नई दिल्ली: हर फिल्म में अपनी अलग छाप छोड़ने वाले पावरपैक हीरो राजकुमार राव और एक्ट्रेस कृति खरबंदा की फिल्म 'शादी में जरूर आना' इस शुक्रवार को रिलीज हुई है.

दोनों की एक साथ यह पहली फिल्म है. राजकुमार राव की इसी साल 'ट्रेप्ड', 'बरेली की बर्फी' और 'न्यूटन' रिलीज हुई है.उनकी फिल्म 'न्यूटन' ऑस्कर के लिए नॉमिनेटेड भी हैं. वहीं कृति की यह तीसरी बॉलीवुड फिल्म है इससे पहले वह 'राज रीबूट' और 'गेस्ट इन लंडन' में काम कर चुकी हैं.





फिल्म 'शादी में जरूर आना' को डायरेक्टर रत्ना सिन्हा ने किया हैं. बता दें बतौर डायरेक्टर ये उनकी पहली फिल्म है.

फिल्म की कहानी

कानपुर में रहने वाले मिश्रा परिवार अपने बेटे सतेंद्र (राजकुमार राव) की शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे होते हैं. इसी दौरान उन्हें शुक्ला परिवार की बेटी कृति खरबंदा (आरती) पसंद आती है. सत्येंद्र उर्फ़ सत्तू और आरती की अरेंज मैरिज से स्टार्ट होती है लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब शादी की ही रात आरती घर छोड़कर भाग जाती है. शादी से पहले अपने करियर के ऊपर ध्यान देने का निर्णय करती है. 5 साल के बाद सत्तू एक आईएएस अफसर बन जाता है और वहीँ आरती भी पीसीएस अफसर बनकर काम करने लगती है. एक बार फिर से सत्तू और आरती का आमना-सामना होता है लेकिन इस बार सत्तू को आरती से बहुत ज्यादा नफरत होती है क्योंकि शादी की रात जब आरती घर छोड़कर भागी थी तो उसकी वजह से सत्तू के पूरे खानदान की बेज्जती होती है. वैसे अंततः क्या होता है, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.

एक्टिंग, म्यूजिक, कहानी

राजकुमार राव ने फिल्म में दो अलग तरह के किरदारों को बखूबी निभाया है, एक जो प्यार करने वाला आशिक होता है और दूसरा जो बेहद नफरत करता है. इसके साथ ही कृति खरबंदा का किरदार भी काबिल ऐ तारीफ है. बाकी मनोज पाहवा, गोविन्द नामदेव और कलाकारों का काम सहज है.

फिल्म की कहानी लड़कियों की शिक्षा, नौकरी और समानता के अधिकार के साथ-साथ दहेज प्रथा की तरफ भी ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करती है.

डायरेक्शन बहुत बढ़िया है और छोटे शहर के फ्लेवर को बड़े अच्छे तरीके से दिखाया गया है.

फिल्म के कुछ गाने कहानी को आगे ले जाते हैं, तो वहीँ कुछ बोर भी करते हैं. फिल्म के संवाद कहीं कहीं आपको हसाते भी हैं.

फिल्म के सभी गाने तो याद रहने वाले नहीं हैं लेकिन ज्यादा बुरे भी नहीं हैं. फिल्म में 'पल्लो लटके' का रीमेक भी है. यह गाना शायद आपको पसंद आ सकता है. हालांकि, फिल्म में कानपुर शहर का फ्लेवर है. हंसाने वाला ह्यूमर है. शादी के बैकग्राउंड में बजने वाले गाने भी कुछ हद तक ठीक हैं.

फिल्म की कमजोर कड़ियों में इसकी कहानी है. कहानी की शुरुआत तो दिलचस्प होती है पर इंटरवल के बाद कहानी बिखर जाती है. मुद्दा फर्स्ट हाफ में आपको बांधने की कोशिश करता है वो सेकेंड हाफ में छूटता हुआ दिखाई देता है जिसको टाइट किया जाता तो फिल्म किसी और लेवल की बनकर सामने आती.

बॉक्स ऑफिस

फिल्म का बजट लगभग 15 करोड़ है और इसे 800 से ज्यादा स्क्रीन्स में रिलीज किया गया है. इसके साथ ही इरफान खान स्टारर 'करीब-करीब सिंगल' भी इसी हफ्ते रिलीज हो रही है. दोनों की भिड़ंत के बीच 'गोलमाल अगेन' पहले से ही बॉक्स ऑफिस पर चल रही है. देखना दिलचस्प होगा की इन सबके बीच 'शादी में जरूर आना' का वीकेंड कलेक्शन कितना होता है.

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