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रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खुशखबरी, आज से लागू हुआ यह नया नियम
Big news for 13 lakh railway employees
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतीय रेलवे (Indian Railways) के 13 लाख कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. दरअसल, रेलवे कर्मचारियों की यह समस्या रहती है कि उनकी घर से दूर तैनाती रहती है. यही कारण है कि वे अपने घर के नजदीक आने के लिए ट्रांसफर कराने की जुगत में लगे रहते हैं और इसमें काफी मुश्किल आती है. लेकिन अब ट्रांसफर का काम आसानी से हो जाएगा.
कर्मचारियों को ट्रांसफर कराने की मिलेगी आजादी
दरअसल, रेलवे बोर्ड (Railway Board) की तरफ से ऐसी पॉलिसी तैयार की गई है, जिससे रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों को ट्रांसफर कराने में आजादी मिल जाएगी. इसे 15 अगस्त 2022 से देशभर में लागू कर दिया गया है. रेलवे के भी अलग-अलग तरह के ट्रांसफर होते हैं. कारखाने वाले स्टाफ का नियमित ट्रांसफर आमतौर पर वर्कशॉप के अंदर ही होता रहता है.
वहीं जिस स्टॉफ की डिवीजन में तैनाती है, उसे डिवीजन में ही ट्रांसफर मिलता है. लेकिन यदि कोई स्टाफ इंटर डिवीजन या इंटर जोनल ट्रांसफर चाहता है तो उसमें बड़ी दिक्कत होती है. हालांकि यदि कोई स्टॉफ म्यूचुअल ट्रांसफर कराने वाला मिल गया तो यह काम आसान हो जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होने पर यह बहुत मुश्किल काम है.
क्या है ट्रांसफर माड्यूल
रेलवे कर्मचारियों की ट्रांसफर से जुड़ी दिक्कत को दूर करने के लिए रेल मंत्रालय ने 15 अगस्त 2022 (सोमवार) से ट्रांसफर माड्यूल लागू किया है. इसके तहत रेलवे के सॉफ्टवेयर बनाने वाले संगठन सेंटर फोर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए एक अहम माड्यूल तैयार किया है. इसको एचआरएमएस (NRMS) नाम दिया गया है.
रेलवे बोर्ड के अनुसार इंटर जोनल और इंटर डिविजनल ट्रांसफर के लिए सभी एप्लीकेशन इसी के जरिये फाइल होंगी. इसके अलावा पहले से जिसकी भी ट्रांसफर की एप्लीकेशन पेंडिंग है, उसे भी इस पर ही अपलोड किया जाएगा. रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस माड्यूल के लागू होने से ट्रांसफर में ट्रांसपेरेंसी आ जाएगी.
अधिकारियों का कहना है कि किसी स्टाफ का ट्रांसफर का समय आने पर वह एचआरएमएस में ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा. एक ही जगह के लिए दो आवेदन आने पर पहले वाले को वरीयता दी जाएगी. कर्मचारी के आवेदन पत्र पर सुपरवाइजर, ब्रांच अधिकारी और कार्मिक विभाग के अधिकारी भी राय दे सकेंगे. लेकिन ट्रांसफर पर अंतिम निर्णय डीआरएम या एडीआरएम का ही होगा.