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Budget 2022: जानिए- आम बजट 2022 में ऑटोमोटिव सेक्टर को क्या मिला?

Arun Mishra
1 Feb 2022 9:36 AM GMT
Budget 2022: जानिए- आम बजट 2022 में ऑटोमोटिव सेक्टर को क्या मिला?
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां भारत में बड़े पैमाने पर ऑटो उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं की हैं.

Automotive Sector In India: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने केंद्रीय बजट 2022 के भाषण में भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं कीं. इनमें इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई बैटरी स्वैप पॉलिसी की घोषणा की. सरकार ने कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए अन्य लाभों के साथ-साथ 2.73 लाख करोड़ रुपये के एमएसपी भुगतान की भी घोषणा की है, जो अंततः ग्रामीण बाजारों में ऑटोमोबाइल की मांग को बढ़ने में मदद कर सकता है.

बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी (Battery Swapping Policy)

बजट 2022 में वित्त मंत्री द्वारा की गई प्रमुख घोषणाओं में से एक बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी है. यदि इसे कुशलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह भारत में पूरे EV इकोसिस्टम को फायदा कर सकता है. वाहन निर्माताओं और ईवी चार्जिंग इंफ्रा प्लेयर्स को भी इस पॉलिसी से फायदा मिलेगा जो भारत में ईवी अपनाने को बढ़ावा दे सकती है. इस पॉलिसी से लोगों और सामानों दोनों के लिए लास्ट मील तक गतिशीलता के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन के मूवमेंट की उम्मीद है. इस बैटरी स्वैपिंग नीति के तहत, सरकार निजी कंपनियों को बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन और प्रौद्योगिकी स्थापित करने की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs In Public Transport)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में क्लीनटेक और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करेगी. इससे इलेक्ट्रिक बसों और कमर्शियल वाहनों का निर्माण करने वाली ऑटो कंपनियों को और मदद मिलेगी. इस रणनीति से उन कंपनियों के संबंधित सप्लाई चेन पार्टनर्स को भी मदद मिलेगी. इस घोषणा का असर केवल कुछ कंपनियों पर पड़ेगा, पूरे ऑटोमोटिव सेक्टर पर नहीं.

कार बाइक स्कूटर के सस्ते होने की उम्मीद नहीं (Cars, Bikes, Scooters Won't Get Cheaper)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां भारत में बड़े पैमाने पर ऑटो उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं की हैं, वहीं ऑटोमोटिव उद्योग की सभी उम्मीदें पूरी नहीं हुई हैं. नए इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहन, टैक्स कटौती और संशोधित शुल्क संरचना जैसी प्रमुख चीजों में लगभग कोई बदलाव नहीं किया गया है. साथ ही, ऑटो उद्योग को बढ़ती इनपुट लागत से उबरने में मदद करने के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई. इसलिए, यह बहुत कम संभावना है कि कार, बाइक, स्कूटर की कीमत सस्ती हो जाएगी. इसके बजाय, वाहन निर्माताओं पर निरंतर दबाव के परिणामस्वरूप लघु से मध्यम अवधि में लागत में बढ़ोतरी हो सकती है.

डिफेंस आरएंडडी में प्राइवेट प्लेयर्स (Opening Defence R&D To Private Players)

रक्षा आरएंडडी को निजी कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा भारत में ऑटो कंपोनेंट कंपनियों के लिए एक नया ग्रोथ सेगमेंट खोल सकती है. टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसे कार निर्माता पहले से ही अपने-अपने विंग के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे हैं. वे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए वाहन बनाते रहे हैं. अब, निजी प्लेयर्स के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास को खोलने से उन्हें नए राजस्व और विकास क्षेत्र में मदद मिलेगी. हालांकि, यह केवल कुछ प्लेयर्स तक ही सीमित होगा.

रूरल व्हीकल डिमांड के लिए 2.73 लाख करोड़ रुपये एमएसपी (2.73 Lakh Crore MSP Payment To Boost Rural Vehicle Demand)

सरकार ने कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए अन्य लाभों के साथ-साथ 2.73 लाख करोड़ रुपये के एमएसपी भुगतान की घोषणा की है. यह ग्रामीण आर्थिक भावना को सुधारने में मदद कर सकता है और अंततः ग्रामीण बाजारों में वाहनों की मांग में सुधार कर सकता है जो छोटे कमर्शियल वाहनों और ट्रैक्टरों के साथ दोपहिया, एंट्री लेवल की कारों और एसयूवी की बिक्री में बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं. कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर ने ग्रामीण आर्थिक भावना को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसे इस रणनीति के माध्यम से पुनर्जीवित किया जा सकता है.

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