

संजय कुमार सिंह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हाल में दावा किया था कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग लगातार सुधरती जा रही है। भारत आज इस रैंकिंग में 63वें स्थान पर पहुंच गया है। लेकिन भारत वह देश है जहां 20, 000 रुपए से ऊपर के भुगतान पर टीडीएस काटने का नियम है और बैंक में खाता खोलने के लिए पैन कार्ड होना चाहिए इसलिए रिटर्न फाइल करना भी जरूरी है। अब आप बैंक में खाता खोलने से पहले पैन नंबर लीजिए रिटर्न फाइल करने के झंझट में फंस जाइए। कैसे और कितना कमाएंगे इसकी किसी की कोई जवाबदेही नहीं है। ठेला लगाएंगे तो सिपाही लूट लेगा कि नगर निगम वाला पलट देगा पता नहीं।
पकौड़े बेचने की दुकान किराए पर हो तो लॉकडाउन में किराया कहां से आए उसकी किसी को कोई परवाह नहीं है तब भी। और कुछ धंधा करते हों तो धंधा कहां से कैसे मिलेगा ये आप जानिए पर काम कीजिए, पैसे मिले तो टीडीएस कट जाएगा। आपका आयकर लगता हो या नहीं, कमाते हों या नहीं। इसे वापस लेने के लिए फिर रिटर्न फाइल करना जरूरी है। कई मामलों में रिटर्न फाइल करने का खर्चा (खुद कोई फाइल नहीं कर सकता है नौकरी पेशा लोगों की बात अलग है) वापस आने वाले पैसे से ज्यादा होता है। तो आप कमाइए या मत कमाइए रिटर्न फाइल कीजिए। पहले कुछ लोग नहीं करते थे। अब सरकार का नया फरमान आया है।
इसके अनुसार जो टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं उनका टैक्स ज्यादा कटेगा। इसका असर यह हुआ है कि जिसे टैक्स काटना है उसकी जिम्मेदारी है कि वह रिटर्न न फाइल करने वाले गरीबों का टैक्स ज्यादा काटे तो उसी को पता करना है कि आपने रिटर्न फाइल किया या नहीं। वैसे तो बहुत कम लोग रिटर्न नहीं फाइल करते होंगे। लेकिन जो करते हैं उन्हें भी परेशान करने वाला नियम। अब नए नियम का मतलब यह हुआ कि रिटर्न फाइल करो और सब पैसे देने वालों को बताओ कि भाई, फाइल कर दिया टीडीएस कम ही काटना नहीं तो सारा पैसा उसी में फंसा रह जाएगा धंधा कैसे करूंगा।
यह तो एक समस्या है। ऐसे सैकड़ों हजारों के बावजूद ईज ऑफ बिजनेस रैंकिग की एक तरफा घोषणा स्वास्थ्य मंत्री कर रहे हैं।