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भारतीय अर्थव्यवस्था एक चक्रव्यूह में फंसी, लग सकता है आपको बड़ा झटका यह जानकर!
शिव कुमार मिश्र
22 March 2018 3:37 PM IST

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दो दिन पहले प्रमुख बैंकर उदय कोटक का बयान आया था कि अभी डूबे कर्ज के मामले में भारत यूरोप की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं यूनान और इटली के बाद तीसरे नंबर पर आ गया हैं. उन्होंने आगाह किया कि बैंकों के लिए आगे लघु उद्यम क्षेत्र से दिक्कतें आ सकती हैं.
बैंको को लघु एवं मझोले उद्योगों(एसएमई) को ऋण पर अधिक गहराई से निगाह रखने की जरूरत है ओर कल ही खबर आयी कि चेन्नई की ज्वेलरी चेन कनिष्क गोल्ड के मालिक भूपेश जैन 1000 करोड़ से अधिक कर्ज डुबोकर फरार हो गए हैं, कनिष्क गोल्ड को लोन देने वालों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा निजी और सरकारी 14 बैंक शामिल हैं.
दरअसल एनपीए से संबंधित नियम कहता है कि अगर किसी खाते में नब्बे दिनों तक ब्याज या किस्त या फिर दोनों तरह की रकम नहीं जमा होती है तो उसका वर्गीकरण एनपीए के रूप में किया जाएगा.
नोटबन्दी के बाद देश का व्यापार उद्योग बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है , व्यापारी ओर उद्योगपतियों ने जो कर्ज बैंको से ले रखा था उनका कर्ज चुकाने का गणित बाजार में नोटबन्दी ओर जीएसटी लागू किये जाने के बाद बुरी तरह से बिगड़ चुका है. आप देखते रहिए आगामी 6 महीनों के अंदर लाखों कर्जदार अपना ऋण एनपीए करने जा रहे हैं. अर्थव्यवस्था एक चक्रव्यूह में फस चुकी हैं जिससे निकल पाना बेहद मुश्किल है.
गिरीश मालवीय
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