- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
x
अब प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी मिल सकेगी।
नई दिल्ली : मोदी सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। लोकसभा में ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 पास हो गया है। अब प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी मिल सकेगी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पहले ही 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी का प्रावधान है।
आपको बता दें कि पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी बिल के तहत किसी संगठित क्षेत्र के कर्मचरियों को अधिकतम 10 लाख रुपए मिला करते थे। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एमेंडमेंट बिल में इस सीमा के बारे में कहा गया है कि इसके बारे में केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर सकती है। श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की राशि बढ़ा कर 20 लाख रुपए तक कर सकती है।
अन्य बातों के अलावा इस बिल में यह प्रावधान भी किया गया है कि केंद्र सरकार मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) की अवधि अधिसूचित कर सकती है और यह अवकाश ग्रेच्युटी की गणना के लिए सेवा की निरंतरता मानी जाएगी। 1961 एक्ट के अनुसार, मातृत्व अवकाश की अधिकतम अवधि 12 हफ्ते थी जिसे मैटरनिटी बेनीफिट अमेंडमेंट एक्ट 2017 के अनुसार बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया है।
Next Story