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LPG Price Hike: गैस सिलेंडर की कीमतों में लगी आग, उधर जनता बुझाने में लगी है पेट की आग, देखिए वीडियो

LPG Price Hike: गैस सिलेंडर की कीमतों में लगी आग, उधर जनता बुझाने में लगी है पेट की आग, देखिए वीडियो
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LPG Price Hike: मोदी सरकार के आने के बाद 2014 से आज के दिन तक घरेलु गैस सिलेंडर में भारी बढ़ोतरी हो चुकी है। 2014 में गैस सिलेंडर का दिल्ली में दाम 414 रुपये था जो आज 50 रुपये बढ़ने के बाद दिल्ली में 1053 को हो गया है। यानी मोदी सरकार के 8 वर्षों के कार्यकाल में लगभग 154 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। घरेलू रसोई गैस की कीमतों में आखिरी बार 19 मई को संशोधन किया गया था, जब दर में

3.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई थी। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि इस बढ़ोतरी के बाद, बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब दिल्ली में 1,053.00 रुपये हो गई है। अन्य महानगरों में, कोलकाता में गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1079.00 रुपये, मुंबई में 1052.50 रुपये और चेन्नई में 1068.50 रुपये है। सरकार जहां तर्क दे रही है कि अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में इजाफा होने की वजह से पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ रहे हैं लेकिन जनता बढ़ती महंगाई से परेशान हो गई। पेट्रोलियम पदार्थों के रेट बढ़ने का असर दूसरी चीजों पर पड़ने लगता है। आर्थिक मंदी झेल रही जनता रोजाना बढ़ रही महंगाई को कैसे बरर्दाश्त करेगी यह भी एक अहम सवाल है।

भारतीय जनता पार्टी जब विपक्ष में थी तो गैस आद के बढ़ते रेट पर सरकार पर बहुत गुस्सा उतारती थी लकिन खुद सरकार में होते हुए भी महंगाई और बढ़ती कीमतों को कंट्रोल नहीं कर पा रही है। विपक्ष उस दमखम से सरकार पर दबास नहीं बना पा रहा है कि आखिर यह महंगाई लगातार बढ़ रही है और मोदी ब्रिगेड अच्छे दिन आने का लॉलीपोप जनता को लगातार दे रहे हैं। प्रधानमंत्री खुद महंगाई कम करने की बजाए जनता को हर बाधा से टकराकर आगे बढ़ने को आह्वान कर रहे हैं।

डबल इंजन की मोदी सरकार आखिर महंगाई के मोर्चे पर क्यों फेल हो रही है। जवाब तो सरकार को ही देना होगा। मीडिया जो पिछली सरकारों के समय में महंगाई पर आसमान सिर पर उठा रखती थी अब उसके लिए बढ़ती महंगाई और चीजों कीमतें कोई मुद्दा नहीं है। आज भी टीवी चैनलों की बहस का मुद्दा हिंदू मुस्लिम नफरत पर आधारित है। जनता के बेसिक मुद्दों पर मीडिया ध्यान ही नहीं दे पा रही। सरकार को जनता की बढ़ती परेशानी को इलाज खोजना जरूरी है।


माजिद अली खां

माजिद अली खां

माजिद अली खां, पिछले 15 साल से पत्रकारिता कर रहे हैं तथा राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ रखते हैं. 'राजनीतिक चौपाल' में माजिद अली खां द्वारा विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक विश्लेषण पाठकों की सेवा में प्रस्तुत किए जाते हैं. वर्तमान में एसोसिएट एडिटर का कर्तव्य निभा रहे हैं.

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