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GST के 28% स्लैब में बचे हैं सिर्फ 35 प्रोडक्ट, जानें- किन उत्पादों पर लगता है इतना ज्यादा टैक्स!

Arun Mishra
22 July 2018 5:29 PM IST
GST के 28% स्लैब में बचे हैं सिर्फ 35 प्रोडक्ट, जानें- किन उत्पादों पर लगता है इतना ज्यादा टैक्स!
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वित्त मंत्री की अगुवाई वाली GST परिषद ने एक साल में 191 वस्तुओं से कर घटाया है।

नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (GST) परिषद ने सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब में उत्पादों की सूची को घटाकर 35 कर दिया है। अब इस सूची में एयर कंडिशनर, डिजिटल कैमरा, वीडियो रिकॉर्डर, डिशवॉशिंग मशीन और वाहन जैसे 35 उत्पाद रह गए हैं। पिछले एक साल के दौरान जीएसटी परिषद ने सबसे ऊंचे कर स्लैब वाले 191 उत्पादों पर कर घटाया है। GST को एक जुलाई , 2017 को लागू किया गया था। उस समय 28 प्रतिशत कर स्लैब में 226 उत्पाद या वस्तुएं थीं।

वित्त मंत्री की अगुवाई वाली GST परिषद ने एक साल में 191 वस्तुओं से कर घटाया है। नई GST दरें 27 जुलाई को लागू होंगी। जो 35 उत्पाद सबसे ऊंचे कर स्लैब में बचेंगे उनमें सीमेंट, वाहन कलपुर्जे, टायर, वाहन उपकरण, मोटर वाहन, याट, विमान, एरेटेड ड्रिंक और अहितकर उत्पाद तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला शामिल हैं।

आगे और भी उत्पादों के 28% स्लैब से हटने की उम्मीद

विशेषज्ञों का कहना है कि आगे चलकर राजस्व स्थिर होने के बाद परिषद 28 प्रतिशत कर स्लैब को और तर्कसंगत बना सकती है और सबसे ऊंचे कर स्लैब को सिर्फ सुपर लग्जरी और अहितकर उत्पादों तक सीमित कर सकती है। डेलॉयट इंडिया के भागीदार एम एस मणि ने कहा कि यह उम्मीद की जा सकती है कि राजस्व संग्रह स्थिर होने के बाद सभी आकार के टीवी, डिशवॉशर, डिजिटल कैमरा, एसी पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू हो सकती है। मणि ने कहा कि अच्छी स्थिति यह होगी कि सिर्फ अहितकर वस्तुओं को भी 28 प्रतिशत के स्लैब में रखा जाए, जिससे बाद में कम जीएसटी स्लैब की ओर बढ़ा जा सके।

विशेषज्ञों का कहना है कि आगे चलकर राजस्व स्थिर होने के बाद परिषद 28 प्रतिशत कर स्लैब को और तर्कसंगत बना सकती है और सबसे ऊंचे कर स्लैब को सिर्फ सुपर लग्जरी और अहितकर उत्पादों तक सीमित कर सकती है। डेलॉयट इंडिया के भागीदार एम एस मणि ने कहा कि यह उम्मीद की जा सकती है कि राजस्व संग्रह स्थिर होने के बाद सभी आकार के टीवी, डिशवॉशर, डिजिटल कैमरा, एसी पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू हो सकती है। मणि ने कहा कि अच्छी स्थिति यह होगी कि सिर्फ अहितकर वस्तुओं को भी 28 प्रतिशत के स्लैब में रखा जाए, जिससे बाद में कम जीएसटी स्लैब की ओर बढ़ा जा सके।

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